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रामनगरी में ध्वजारोहण : PM मोदी बोले… आज सदियों के घाव भरे, वेदना पा रही विराम

जय श्रीराम के जयकारों से गूंजी अयोध्या, राममय भारत का संकल्प, मानसिक गुलामी से मुक्ति का आह्वान

अयोध्या, 25 नवंबर 2025:

रामनगरी अयोध्या आज इतिहास के सुनहरे पृष्ठ पर एक और अध्याय जोड़ गई। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में भगवा धर्म ध्वज फहराया। ध्वज आरोहण के क्षण में पूरा परिसर जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा और वातावरण राममय हो उठा।

अपने संबोधन की शुरुआत सियावर रामचंद्र की जय के उद्घोष से करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना विराम पा रही और सदियों का संकल्प सिद्धि को प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने धर्म ध्वज के भगवा रंग, सूर्य चिन्ह और कोविदार वृक्ष की व्याख्या करते हुए इसे रामराज्य की कीर्ति, सत्य और मर्यादा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह ध्वज ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ की मानवता को युगों-युगों तक प्रेरणा देता रहेगा

प्रधानमंत्री मोदी ने देश से आह्वान किया कि एक ऐसे समाज का निर्माण किया जाए जहां कोई गरीब न हो, कोई पीड़ित ना हो और विकास का लाभ हर वर्ग तक पहुंचे। उन्होंने श्रीराम के जीवन मूल्यों को वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के मार्गदर्शन का आधार बताया। कहा कि राम यानी जनता का सुख सर्वोपरि, राम यानी दृढ़ता में कोमलता और राम यानी सत्य का अडिग संकल्प।

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सप्त मंदिर, निषादराज, जटायु और गिलहरी की प्रेरणा

पीएम ने कहा कि अयोध्या में निर्मित सप्त मंदिर, निषादराज का मंदिर, जटायु और गिलहरी की प्रतिमाएं यह संदेश देती हैं कि महान संकल्प तभी सिद्ध होते हैं जब छोटे-से-छोटे प्रयास का सम्मान हो।उन्होंने कहा कि आज भारत की यात्रा भी इसी भावना से सभी वर्गों युवाओं, किसानों, महिलाओं और वंचितों को साथ लेकर आगे बढ़ रही है।

मानसिक गुलामी से मुक्ति का संकल्प

मैकाले की शिक्षा प्रणाली का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 1835 में बोई गई मानसिक गुलामी की जड़ें आज भी समाज में मौजूद हैं। उन्होंने 2035 तक यानी आने वाले 10 वर्षों में इस मानसिकता से मुक्ति का संकल्प दोहराया। कहा कि यह वही मानसिक गुलामी है जिसने भारत के कण-कण में निवास करने वाले राम को भी काल्पनिक बताने की कोशिश की। आने वाले 1000 वर्षों के लिए भारत की नींव तभी मजबूत होगी जब हम अगले 10 साल में इस मानसिक गुलामी से छुटकारा पा लेंगे।

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अयोध्या : 21वीं सदी के भारत का मेरुदंड

प्रधानमंत्री ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या आ चुके हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिली है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक रेलवे स्टेशन, वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनें अयोध्या को 21वीं सदी के भारत का मेरुदंड बना रही हैं। बीते 11 वर्षों में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

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