नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए उनके आजीवन प्रयासों की सराहना की।सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक भावपूर्ण संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “मानवता के सच्चे सेवक महात्मा फुले को उनकी जयंती पर सादर श्रद्धांजलि। उन्होंने अपना जीवन समाज के शोषित और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। देश के लिए उनका अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”
एक विशेष वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री ने सामाजिक भेदभाव से लड़ने और विशेष रूप से महिलाओं के लिए शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने में महात्मा फुले की भूमिका की सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महात्मा फुले ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव छोड़ा है; उन्होंने सामाजिक भेदभाव और असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी और समाज के हर व्यक्ति को सशक्त बनाने का प्रयास किया। उन्होंने ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की।”लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में फुले के अग्रणी काम को रेखांकित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “महात्मा फुले ने लड़कियों के लिए शिक्षा के बंद दरवाजे खोले। उस दौर में उन्होंने बेटियों के लिए स्कूल खोले और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज उठाई। वे कहते थे कि किसी भी समाज की स्थिति का अंदाजा उस समाज में महिलाओं की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है। महात्मा फुले के जीवन से प्रेरणा लेते हुए मैं हर माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपनी बेटियों को शिक्षा दिलाएं।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूज्य सुधारक को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “महान समाज सुधारक, शिक्षाविद् और विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए जीवन भर प्रतिबद्ध रहने वाले महात्मा फुले जी आधुनिक भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत बने।” उन्होंने कहा, “सत्यशोधक समाज की स्थापना के माध्यम से उन्होंने समाज को सामाजिक बुराइयों से मुक्त करने में उल्लेखनीय योगदान दिया। शिक्षा, समानता और न्याय के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की नींव रखने वाले महात्मा फुले एक अनुकरणीय व्यक्ति हैं, जिनका जीवन आज भी प्रेरणा देता है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक्स पोस्ट में इसी तरह की भावनाओं को दोहराया और फुले को एक “प्रतिबद्ध समाज सुधारक” और वंचितों और उपेक्षितों की “मजबूत आवाज” कहा। उन्होंने कहा, “समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था, असमानता और अशिक्षा जैसी विभिन्न बुराइयों के उन्मूलन के लिए उनका संघर्ष पूरी मानवता के लिए प्रेरणादायक और मार्गदर्शक है।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी महात्मा फुले को याद करते हुए लिखा, “सामाजिक न्याय, समानता और महिला शिक्षा के लिए अथक संघर्ष करने वाले और समावेशी समाज का मार्ग प्रशस्त करने वाले दूरदर्शी, क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर नमन!”
1827 में जन्मे महात्मा ज्योतिबा फुले को भारत के सामाजिक सुधार आंदोलन में अग्रणी शक्ति के रूप में याद किया जाता है। जातिगत भेदभाव से लड़ने से लेकर महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने तक, उनकी विरासत एक अधिक समान और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में प्रयासों को प्रेरित करती है।