
नई दिल्ली, 16 मई 2025
हाई-प्रोफाइल पीएनबी घोटाले के आरोपी और वांछित भगोड़े नीरव मोदी को लंदन में एक बार फिर से कोर्ट ने झटका दिया हैं, यहां उसके व्दारा दायर जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जानकारी अनुसार किंग्स बेंच डिवीजन के हाई कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारतीय हीरा व्यापारी नीरव दीपक मोदी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। नीरव मोदी लगातार मार्च 2019 में गिरफ्तारी के बाद से जमानत हासिल करने का प्रयास कर रहा है, यह दसवां असफल प्रयास था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि लंदन में क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) द्वारा जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया गया, जिसमें जांच और कानूनी अधिकारियों वाली सीबीआई टीम का मजबूत कानूनी समर्थन भी शामिल था, जो सुनवाई के लिए यूके गई थी।नीरव मोदी 19 मार्च, 2019 से ब्रिटेन की जेल में बंद है, उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाना बाकी है, जहाँ उस पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 6,498.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मुकदमा चल रहा है। उसे आधिकारिक तौर पर भारतीय अधिकारियों द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है।
सीबीआई ने कहा कि ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने पहले ही भारत सरकार के पक्ष में मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जो उसे आरोपों का सामना करने के लिए वापस लाने के लिए वर्षों से चल रही कानूनी लड़ाई में एक प्रमुख मील का पत्थर है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कहा, “यह स्मरणीय है कि नीरव मोदी एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी है, जो पंजाब नेशनल बैंक से 6498.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए सीबीआई के बैंक धोखाधड़ी मामले में भारत में मुकदमे के लिए वांछित है। उसके प्रत्यर्पण को भारत सरकार के पक्ष में यूके के उच्च न्यायालय द्वारा पहले ही मंजूरी दे दी गई है। यूके में उसकी नजरबंदी के बाद से यह उसकी 10वीं जमानत याचिका है, जिसका सीबीआई ने क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस, लंदन के माध्यम से सफलतापूर्वक बचाव किया है।”
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2018 में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान कई तलाशी ली गईं, जिसके परिणामस्वरूप हीरे, सोना, मोती और कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर जब्त किए गए।






