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शिक्षक भर्ती को मिलेगी रफ्तार : पूर्व DGP प्रशांत कुमार बने UP शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष

गत 31 मई को डीजीपी के पद से हुए थे रिटायर, पिछले 22 सितंबर से अध्यक्ष का पद खाली होने से आयोग की गतिविधियां थीं ठप, भर्तियां शुरू न होने से नाराज थे अभ्यर्थी

लखनऊ, 18 दिसंबर 2025

यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार को योगी सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्हें उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के साथ ही लंबे समय से ठप पड़ी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यह आयोग प्रदेश में बेसिक शिक्षा से लेकर एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक कॉलेजों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए गठित किया गया है।

उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया गया। नियुक्ति के बाद प्रशांत कुमार ने कहा कि उनकी प्राथमिकता आयोग के माध्यम से पारदर्शी, निष्पक्ष और पूरी तरह मेरिट आधारित भर्तियां कराना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अभ्यर्थियों की सहूलियत के लिए प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को पहले ही प्राप्त हो चुके उन्हें जल्द पूरा किया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने एडेड कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में वर्षों से लंबित शिक्षक भर्तियों को एकीकृत और प्रभावी ढंग से कराने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। आयोग के पहले अध्यक्ष के रूप में 5 सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय की नियुक्ति की गई थी, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से आयोग की गतिविधियां लगभग ठप थीं। भर्तियां शुरू न होने से नाराज अभ्यर्थी लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।

मालूम हो कि प्रशांत कुमार 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक यूपी के डीजीपी रहे। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के निवासी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री हासिल की और इस दौरान गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया। इसके अलावा उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए और नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है।

अपने पुलिस सेवा काल में उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उत्तर प्रदेश में एडीजी मेरठ जोन, डीजी कानून-व्यवस्था और डीजी आर्थिक अपराध शाखा जैसे अहम पदों पर रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 जैसे बड़े आयोजनों में पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक सराहना हुई।

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पुलिसिंग में नवाचार, प्रशासनिक सख्ती और उच्च शैक्षणिक पृष्ठभूमि के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. प्रशांत कुमार को राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश में लंबे समय से अटकी शिक्षक भर्तियों को नई दिशा और गति मिलेगी।

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