देहरादून, 2 नवंबर 2025:
उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को विद्यार्थियों को उपाधियां और स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस अवसर पर कुल 1454 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं। इनमें 62 विद्या वारिधि, 3 विद्या वाचस्पति, 615 परास्नातक तथा 774 स्नातक छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

समारोह में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन निर्माण में अध्यापकों और अभिभावकों की भूमिका अनुकरणीय है। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि इस वर्ष 64 प्रतिशत छात्राओं ने उपाधियां हासिल की हैं। पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों से चार गुना अधिक है।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विकसित भारत की उस दिशा का संकेत है, जहां महिलाएं नेतृत्व की अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना अपनाने और शिक्षा को केवल ज्ञान का माध्यम न मानकर सदाचार, तपस्या, सरलता और कर्तव्यनिष्ठा जैसे जीवन-मूल्यों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड केवल एक राज्य नहीं, बल्कि योग और अध्यात्म का प्राण-केंद्र है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल से योग को वैश्विक पहचान मिली है। आज योग व आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति मुर्मु का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने सदैव समाज के वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य किया है। सीएम ने बताया कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा जैसे आधुनिक विषयों की पढ़ाई शुरू कर रही है। साथ ही ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज’, साइंस सिटी (देहरादून), एस्ट्रो पार्क (हल्द्वानी) और साइंस सेंटर (अल्मोड़ा) जैसे नवाचारों से वैज्ञानिक अनुसंधान को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यक्रम में स्वामी रामदेव, और आचार्य बालकृष्ण सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित रहे।
				
					





