
नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की पुष्टि हो गई है। मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। अरुणाचल प्रदेश के पास चीन-भारत सीमा पर झड़पों के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 से चीन का दौरा नहीं किया है। ज्ञात हो कि ऑपरेशन सिंधुर के दौरान, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अधिक था, चीन ने पाकिस्तान को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी। ज्ञात हो कि चीन ने हाल ही में भारत के साथ सीमा विवाद पर महत्वपूर्ण टिप्पणियां की थीं। इसने घोषणा की है कि भारत के साथ सीमा विवाद जटिल है, लेकिन यह सीमा सीमांकन के मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत के लिए तैयार है। इन घटनाक्रमों के बाद, प्रधान मंत्री मोदी की चीन यात्रा की पुष्टि में व्यापक रुचि है।
भारत और चीन के बीच व्यापार युद्ध भी छिड़ा हुआ है। चीन ने भारत को निर्यात किए जाने वाले दुर्लभ मृदा चुम्बकों और उर्वरक-संबंधी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। भारत सरकार ने इस देश से आयातित छह प्रमुख रासायनिक उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगा दिया है। इससे विशेष उर्वरक आयात पर दबाव बढ़ रहा है। वर्तमान में, भारत का चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार घाटा लगभग 99.2 अरब डॉलर (करीब 8.5 लाख करोड़ रुपये) है। हमारी सरकार इसे कम करने के लिए प्रयासरत है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने हाल ही में पुष्टि की है कि चीन से आने वाले सस्ते रसायन भारतीय बाज़ार में बाढ़ ला रहे हैं और स्थानीय उद्योगों को नुकसान पहुँचा रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने इस पर तुरंत कार्रवाई की है। इसने 20.87 डॉलर प्रति किलोग्राम से लेकर 2,000 डॉलर प्रति टन तक के अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं। ये शुल्क अगले पाँच वर्षों तक प्रभावी रहेंगे। सरकार ने उर्वरकों और खरपतवारनाशकों के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण PDDA पर 2,017.9 डॉलर प्रति टन (1.7 लाख रुपये) तक का एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया है।






