Punjab

पंजाब : अमृतसर के बाद अब लुधियाना में जहरीली शराब का कहर, 3 की मौत, विपक्ष ने सरकार को घेरा

लुधियाना, 23 मई 2025

बीते दिनों अमृतसर में जलरीली शराब पीने के कारण 27 लोगों की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब लुधियाना में भी जलरीली शराब की पीने के कारण से तीन लोगों की मौत हो चुकी है।जानकारी अनुसार लुधियाना में बुधवार को जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई, बताया जा रहा है कि इन लोगों ने यह शराब संन्यास नगर स्थित एक वैध शराब की दुकान से खरीदी थी।

मामले में लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने तीन मौतों की पुष्टि करते हुए कहा, “प्रथम दृष्टया, कल रात चार लोग एक साथ थे, जिनमें से तीन ने शराब पी थी, जिनकी मौत हो गई है। मौत का कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।” शर्मा ने बताया, “बस्ती जोधेवाल पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच जारी है।

” यह घटना अमृतसर में हुई एक बड़ी शराब त्रासदी के ठीक बाद हुई है, जहाँ नकली शराब पीने से 27 लोगों की मौत हो गई थी। शराब से हुई मौतें AAP सरकार के बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे “युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान के बीच हुई हैं।पुलिस ने पीड़ितों की पहचान रिंकू कुमार (40), देबी (27) और मंगू शर्मा (32) के रूप में की है, जो सभी सन्यास नगर निवासी हैं।एफआईआर के अनुसार, तीनों लोग रसभरी (पंजाब में बनी शराब) पी रहे थे, तभी देबी को अचानक अस्वस्थता महसूस होने लगी।

एफआईआर अनिल कुमार नामक एक निवासी के बयान पर दर्ज की गई है, जिसने पुलिस को बताया कि वह बुधवार शाम को सन्यास नगर में ‘कद्दू दा अहाता’ के पास एक ठेके से ‘रसभरी’ खरीदने गया था, जहाँ उसे देबी मिली। अनिल ने बताया, “जब मैंने देबी से बात की, तो उसने कहा कि उसने पहले ही रसभरी का एक क्वार्टर खरीद लिया है।” अनिल ने आगे बताया कि वह शराब पीने के लिए पास के एक प्लॉट में गया था, जहाँ रिंकू, देबी और मंगू भी शराब पी रहे थे।

अनिल ने आगे बताया कि जब देबी की हालत बिगड़ने लगी, तब तक उसने शराब नहीं पी थी। उसने देबी के भतीजे को बुलाया और उसे उसके घर छोड़ आया। “बाद में मुझे पता चला कि देबी, रिंकू और मंगू की तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई,” उसने बताया। अनिल ने बताया कि रिंकू, मंगू और देबी शराब पीने के आदी थे और अक्सर शराब खरीदने के लिए “कद्दू दा अहाता” (मधुशाला) के पास स्थानीय दुकान पर जाते थे।

अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), बीएनएस की धारा 3 (5) और आबकारी अधिनियम की धारा 61, 1 और 14 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

रिंकू की पत्नी की कुछ साल पहले ही मौत हो गई थी। उसके परिवार में एक बेटा और दो बेटियाँ हैं। मंगू एक स्थानीय दुकान पर काम करता था। देबी भी दिहाड़ी मजदूर थी। बस्ती जोधेवाल थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर जसबीर सिंह ने कहा, “कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है। मृतकों के विसरा को जांच के लिए भेज दिया गया है। हमने जांच के लिए उस दुकान से “रसभरी” शराब के नमूने एकत्र किए हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, तीनों ने “रसभरी” पी थी, लेकिन इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।”

इस बीच पूरे मामले को लेकर, आप सरकार पर विपक्ष ने जोरदार हामला बोला है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने राज्य में नकली शराब के उत्पादन और आपूर्ति को नियंत्रित करने और रोकने में आप सरकार की विफलता की निंदा की। उन्होंने बताया कि एक पखवाड़े के भीतर यह दूसरी त्रासदी है, इससे पहले अमृतसर के मजीठा में जहरीली शराब की त्रासदी में 27 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि यह अधिक चौंकाने वाली बात है, क्योंकि पीड़ितों ने कथित तौर पर सरकार द्वारा अनुमोदित दुकान से शराब खरीदी थी।

 

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