नई दिल्ली, 5 दिसंबर 2025:
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज बेहद अहम बैठक हुई। यह 23वीं शिखर बैठक दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी और दोस्ती के 25वें वर्ष में आयोजित की गई, जिसे ऐतिहासिक महत्व का माना जा रहा है। बैठक के बाद जारी साझा बयान में दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग पर गहन विचार-विमर्श का जिक्र किया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पुतिन की यह यात्रा विशेष है और इसे दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी के नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है। हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेता प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पहुंचे, जहां एक अनौपचारिक रात्रिभोज के दौरान विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई।

बैठक के दौरान भारत और रूस ने कुल 16 समझौते किए। इनमें विजन 2030 दस्तावेज पर हस्ताक्षर, हेल्थ और फूड सेफ्टी सेक्टर में एग्रीमेंट, फ्री टूरिस्ट वीजा सुविधा, 2030 तक 100 बिलियन डॉलर कारोबार का लक्ष्य, फ्री ट्रेड पर वार्ता, और तकनीक क्षेत्र में सहयोग शामिल हैं। इसी दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को रूस आने का निमंत्रण भी दिया।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी अब और भी गहरी और मजबूत होगी। उन्होंने इस साल की शुरुआत में चीन के तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी से हुई अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए दोनों देशों के विविध क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर यूक्रेन मुद्दे पर भारत की शांति की नीति दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत शुरू से ही इस मामले में शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है और दोनों देशों के प्रयासों का स्वागत करता है। मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत सभी प्रयासों का समर्थन करता है ताकि यूक्रेन मुद्दे का स्थायी और शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके। शाम को पुतिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में शामिल होंगे। लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद करीब 9 बजे भारत से मॉस्को के लिए रवाना होने की संभावना है।






