नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025
फिल्म ‘फुले’ को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे हर कदम पर दलित-बहुजन इतिहास को मिटाना चाहते हैं ताकि जातिगत भेदभाव और अन्याय की असली सच्चाई सामने न आए।फिल्म के निर्देशक अनंत महादेवन ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय द्वारा उठाई गई आपत्तियों के कारण इसमें देरी हुई है, न कि सेंसर बोर्ड द्वारा संशोधन सुझाए जाने के कारण। “फुले” समाज सुधारक ज्योतिराव गोविंदराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने एक्स पर निशाना साधते हुए कहा, “एक तरफ भाजपा-आरएसएस के नेता सतही तरीके से फुले जी को श्रद्धांजलि देते हैं, वहीं दूसरी तरफ वे उनके जीवन पर बनी फिल्म को सेंसर कर रहे हैं!” लोकसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, लेकिन सरकार उस संघर्ष और उसके ऐतिहासिक तथ्यों को पर्दे पर नहीं आने देना चाहती। गांधी ने कहा, “भाजपा-आरएसएस हर कदम पर दलित-बहुजन इतिहास को मिटाना चाहते हैं ताकि जातिगत भेदभाव और अन्याय की असली सच्चाई सामने न आए।”‘स्कैम 1992’ स्टार प्रतीक गांधी की मुख्य भूमिका और पत्रलेखा की उनकी ऑनस्क्रीन पत्नी सावित्रीबाई ज्योतिबा फुले की भूमिका वाली यह बायोपिक इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब यह 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में आएगी।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने 7 अप्रैल को निर्माताओं को ‘यू’ प्रमाण पत्र जारी किया और उनसे कुछ अन्य बातों के अलावा ‘मांग’, ‘महार’ और ‘पेशवाई’ जैसे शब्दों को हटाने, ‘झाड़ू लिए हुए एक आदमी’ के दृश्य को ‘सावित्रीबाई पर गोबर के गोले फेंकते हुए लड़के’ से बदलने और ‘3,000 साल पुरानी गुलामी’ पंक्ति को संशोधित कर ‘कई साल पुरानी’ करने जैसे बदलाव करने को कहा।
महादेवन ने पीटीआई से कहा, “उन्होंने कुछ संशोधन सुझाए थे, मैं उन्हें कटौतियां नहीं कहूंगा। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ऐसी कोई कटौतियां नहीं हैं। हमने ऐसा किया। उन्हें लगा कि फिल्म युवाओं और सभी को देखनी चाहिए और यह बहुत शिक्षाप्रद है। मुझे नहीं पता कि संघर्ष और प्रतिवाद का यह पूरा तूफान क्यों उठ रहा है, मुझे लगता है कि यह थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया और अनावश्यक है।”
10 अप्रैल को फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी कि फिल्म में उन्हें गलत तरीके से पेश किया गया है। महाराष्ट्र स्थित संगठन हिंदू महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे ने ट्रेलर देखने के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समुदाय के बारे में सिर्फ़ खराब बातें दिखाना अनुचित है। महादेवन ने कहा कि “फुले” की रिलीज़ को आगे बढ़ाने का कारण फिल्म को लेकर उठे विवाद को दूर करना है।