जयपुर, 5 मई 2025
राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ACB ने रविवार को एक बड़ी कार्यवाही की है। ACB ने भारत आदिवासी पार्टी BAP के विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत के आरोप में रंगे हाथ पकड़ा है। बता दे कि राज्य विधानसभा में तीन सवाल छोड़ने के लिए विधायक 20 लाख रुपये की रिश्वत की कोशिश कर रहे थे। इस पूरे मामले में एसीबी के महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरदा ने कहा कि राजस्थान एसीबी के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी विधायक को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
38 वर्षीय पटेल बांसवाड़ा जिले के बागीदोरा विधानसभा क्षेत्र (एसटी) से पहली बार विधायक बने हैं। वे पिछले साल लोकसभा चुनाव के साथ हुए उपचुनाव में निर्वाचित हुए थे।
मेहरदा ने कहा, “पटेल ने खानों से संबंधित सवालों को छोड़ने के लिए शिकायतकर्ता से कथित तौर पर 10 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। सौदा 2.5 करोड़ रुपये में तय हुआ था। सत्यापन के समय शिकायतकर्ता ने उसे बांसवाड़ा में 1 लाख रुपये दिए थे। आज उसे विधायक आवास परिसर में 20 लाख रुपये लेते हुए पकड़ लिया गया।” उन्होंने दावा किया कि विधायक ने नकदी से भरा बैग एक व्यक्ति को सौंप दिया जो इसे लेकर भागने में सफल रहा। एसीबी के अधिकारी विधायक से उस व्यक्ति के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
डीजी ने दावा किया कि एसीबी के पास यह साबित करने के लिए ऑडियो और वीडियो साक्ष्य हैं कि विधायक ने रिश्वत मांगी और ली, जिससे उन्हें दोषी ठहराने में मदद मिलेगी।
भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के संयोजक और बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि यदि विधायक की संलिप्तता पाई गई तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, “इस मामले पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। यह भाजपा सरकार की साजिश हो सकती है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और यदि विधायक की संलिप्तता पाई जाती है तो पार्टी उचित कार्रवाई करेगी।” 200 सदस्यीय विधानसभा में बीएपी के चार विधायक हैं।
डीजी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को मामले की जानकारी दी गई और उनकी अनुमति के बाद, “जांच की गई और विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया”।
विधायक ने शिकायतकर्ता के स्वामित्व वाली खदानों से संबंधित तीन प्रश्न प्रस्तुत किए, जो बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में नहीं हैं।
डीजी ने कहा कि विधायक इस बात पर जोर दे रहे थे कि शिकायतकर्ता 20 लाख रुपए लेकर बांसवाड़ा आए, लेकिन शिकायतकर्ता ने उन्हें जयपुर आकर रुपए लेने के लिए राजी कर लिया। उन्होंने बताया, ‘‘विधायक ने सुबह शिकायतकर्ता को फोन किया और उसे विधायक आवास (जयपुर के ज्योति नगर में) आने को कहा, जिसके बाद एसीबी की टीमें सक्रिय हो गईं। उन्होंने कहा, “शिकायतकर्ता विधायक आवास पर गया, जहां उसने विधायक को नकदी से भरा एक बैग सौंपा। विधायक ने नकदी की जांच की और बैग अपने साथ मौजूद एक व्यक्ति को सौंप दिया।”
डीजी ने बताया कि जैसे ही शिकायतकर्ता ने एसीबी टीम को नकदी दिए जाने का संकेत दिया, परिसर में मौजूद टीम ने विधायक को पकड़ लिया। हालांकि, विधायक द्वारा जिस व्यक्ति को बैग दिया गया था, वह नकदी लेकर भागने में सफल रहा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। यह जरूरी है कि हम स्वच्छ राजनीति करें। ऐसी घटनाएं लोगों के मन में संदेह पैदा करती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। मामले की गहन जांच होनी चाहिए।”
पायलट ने जालोर में संवाददाताओं से कहा, “इसके साथ ही, केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का राजनीतिक हथियार के रूप में दुरुपयोग कर रही है। यह बात अब स्पष्ट हो चुकी है। ईडी, आयकर और सीबीआई को पूरी छूट दे दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ईडी के मामलों में दोषसिद्धि की दर एक प्रतिशत है।”
कांग्रेस नेता ने भाजपा नेताओं पर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर देश भर में अपने राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने का भी आरोप लगाया। बागीदौरा विधानसभा सीट 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई है।