
कोलकत्ता, 12 फरवरी 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 2026 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने कांग्रेस या अन्य दलों के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार किया।
आगामी विधानसभा के बजट सत्र से पहले पार्टी विधायकों के साथ बैठक में बोलते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्हें बहुमत हासिल करने का पूरा भरोसा है।
एक सूत्र ने बनर्जी के हवाले से कहा, “कांग्रेस ने दिल्ली में आप की मदद नहीं की। हरियाणा में आप ने कांग्रेस की मदद नहीं की। इसलिए, भाजपा दोनों राज्यों में जीत गई है। सभी को एक साथ होना चाहिए। लेकिन बंगाल में कांग्रेस के पास कुछ भी नहीं है। मैं अकेले ही लड़ूंगी। हम अकेले ही काफी हैं।” उन्होंने दावा किया कि पार्टी कुल सीटों में से दो तिहाई से अधिक सीटें जीतकर लगातार चौथी बार सरकार बनाएगी।
पार्टी सूत्र के अनुसार, बनर्जी ने विधायकों से कहा कि समान विचारधारा वाले दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विपक्ष के वोट विभाजित न हों। उन्होंने कहा, ‘‘अन्यथा, भारतीय ब्लॉक के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को रोकना मुश्किल होगा।’’
बनर्जी ने पार्टी विधायकों से सतर्क रहने को कहा और कहा कि भाजपा मतदाता सूची में विदेशियों के नाम शामिल करने का प्रयास कर सकती है।
एक सूत्र ने बताया कि उन्होंने बैठक में बताया कि पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में राज्य स्तर से लेकर बूथ स्तर तक फेरबदल किया जाएगा। उन्होंने सांसदों से 25 फरवरी तक वरिष्ठ नेता अरूप बिस्वास को प्रत्येक पद के लिए तीन नाम सुझाने को कहा।
बनर्जी ने राशन घोटाले के मामले में पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की गिरफ्तारी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने गिरफ्तारी को “अनुचित” बताया और कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
कांग्रेस ने ममता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की
इस बीच बंगाल कांग्रेस प्रमुख शुभंकर सरकार ने ममता बनर्जी पर पलटवार किया है। सरकार ने कहा, “क्या ममता बनर्जी अपने जीवन में कभी मुख्यमंत्री बन सकती थीं? क्या टीएमसी भूल गई है कि 2011 में सोनिया गांधी ने सुनिश्चित किया था कि निष्पक्ष मतदान के लिए हर बूथ पर केंद्रीय बल हो। तब निष्पक्ष चुनाव हुए थे और 2011 के बाद कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए।”
सरकार ने संकेत दिया कि दिल्ली चुनाव परिणामों के बाद तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न पार्टियां चिंतित हैं। सरकार ने पूछा, “दिल्ली चुनाव के बाद हर कोई इतना डरा हुआ क्यों है? राजनीतिक दल इतने डरे हुए क्यों हैं? अगर बंगाल में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है, तो ममता बनर्जी अपने विधायकों से कांग्रेस के बारे में चर्चा क्यों करती हैं?”






