
देहरादून, 23 जुलाई 2025:
उत्तराखंड में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकृत कुछ शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति राशि के गबन का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस गंभीर प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन के निर्देश दिए हैं।
प्रथम दृष्टया जांच में यह पाया गया है कि कई संस्थानों ने छात्रों की संख्या, आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों में धोखाधड़ी कर छात्रवृत्ति प्राप्त की। इनमें मदरसे, संस्कृत विद्यालय और अन्य निजी शिक्षण संस्थान शामिल हैं। राज्य की कुल 92 संस्थाएं संदेह के घेरे में हैं, जिनमें से 17 संस्थाओं के विरुद्ध गबन की पुष्टि हो चुकी है।
उधमसिंहनगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल और रुद्रप्रयाग के वासुकेदार संस्कृत महाविद्यालय सहित नैनीताल, हरिद्वार और अन्य जिलों की कई संस्थाओं में भी अनियमितताएं पाई गई हैं।
सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने इस मामले में सात प्रमुख बिंदुओं पर जांच के आदेश जारी किए हैं, जिनमें फर्जी मामलों की पहचान कर प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की प्रक्रिया भी शामिल है।






