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आज का दिन बना शिवभक्तों के लिए ‘सुपर मंडे’, जानिए क्यों इतना खास है 3 नवंबर

आज का दिन शिव आराधना के लिए अत्यंत शुभ संयोग लेकर आया है।विश्वेश्वर व्रत और प्रदोष व्रत का मिलन भक्तों के लिए दिव्य अवसर है कहा जाता है कि इस दिन की पूजा से जीवन की हर रुकावट दूर होती है और महादेव स्वयं अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

3 नवंबर 2025:

कार्तिक माह का शुक्ल पक्ष वैसे तो हर दिन शुभ माना जाता है, लेकिन आज का दिन बेहद खास है। आज विश्वेश्वर व्रत (Vishweshwar Vrat) है, जो भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित एक बहुत ही पवित्र और फलदायी व्रत माना जाता है। इस बार यह व्रत सोमवार, 3 नवंबर 2025 को पड़ रहा है, यानी शिव जी के प्रिय दिन सोमवार को। ऐसे में इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है।

प्रदोष व्रत के संयोग से बढ़ा महत्व

मान्यता है कि जब विश्वेश्वर व्रत प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन आता है, तब इसका फल और भी अधिक मिलता है। यह व्रत न सिर्फ़ भौतिक सुख-संपन्नता (Material Prosperity) देता है, बल्कि मन की शांति (Peace of Mind), सफलता (Success) और आध्यात्मिक उन्नति (Spiritual Growth) का भी वरदान देता है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि यह व्रत कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को रखा जाता है, जो भीष्म पंचक के पवित्र दिनों में आती है।

विश्वेश्वर व्रत का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना सबसे शक्तिशाली मानी गई है। विश्वेश्वर व्रत रखने से कहा जाता है कि महादेव स्वयं भक्त की सभी बाधाएं दूर करते हैं। यह व्रत नकारात्मकता (Negativity) को मिटाकर जीवन में Positive Energy और आत्मविश्वास भर देता है। भक्तों का विश्वास है कि सच्चे मन से पूजा करने पर विवाह, नौकरी, व्यापार या परिवार से जुड़ी हर समस्या खत्म हो जाती है।

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विश्वेश्वर व्रत पूजा विधि (Puja Vidhi)

1. स्नान और संकल्प (Bath & Sankalp):
सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग के सामने यह संकल्प ले, “मैं भगवान विश्वेश्वर की कृपा पाने हेतु यह व्रत कर रहा/रही हूँ।”

2. अभिषेक (Abhishek):
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से पंचामृत अभिषेक करें। इसके बाद बिल्व पत्र, धतूरा, आक, चावल, चंदन और फूल अर्पित करें।

3. मंत्र जाप और कथा (Mantra & Katha):
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके साथ ही विश्वेश्वर व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें — इससे शुभ फल जल्दी प्राप्त होते हैं।

4. उपवास और दान (Fasting & Donation):
इस दिन उपवास रखना बहुत शुभ माना गया है। अगर स्वास्थ्य अनुमति दे, तो फलाहार करें। शाम को दीपक जलाकर शिव आरती करें और अगले दिन पारण करें। ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

विश्वेश्वर व्रत से मिलने वाले फल (Benefits of Vishweshwar Vrat)

इस व्रत को करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
यह व्यक्ति के जीवन में स्थिरता (Stability), शांति (Peace) और आत्मबल (Inner Strength) लाता है। जो भक्त इसे पूरे मन, श्रद्धा और भक्ति से करते हैं, उनकी हर मनोकामना (Desire) पूरी होती है। चाहे बात प्रेम और विवाह (Marriage) की हो, करियर (Career) या स्वास्थ्य (Health) की — महादेव हर क्षेत्र में आशीर्वाद देते हैं।

महादेव की कृपा से मिटेंगी जीवन की बाधाएँ

आज का दिन शिवभक्तों के लिए बेहद शुभ है। अगर आप भी जीवन में सकारात्मकता, सफलता और शांति चाहते हैं, तो आज पूरे मन से भगवान विश्वेश्वर की पूजा करें। विश्वास कीजिए — महादेव की कृपा से हर कठिनाई आसान हो जाएगी।

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