
नई दिल्ली, 4 अप्रैल 2025
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर वैधानिक प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कहा, “यह नीतिगत मामला है। आप संसद से कानून बनाने के लिए कहें।”
पीठ ने कहा, “हम वर्तमान याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि मांगी गई राहत नीति के दायरे में है।” याचिका का निपटारा करते हुए, न्यायालय ने याचिकाकर्ता को प्राधिकरण के समक्ष अभ्यावेदन देने की स्वतंत्रता प्रदान की। पीठ ने कहा कि यदि ऐसा कोई अभ्यावेदन दिया गया है तो उस पर आठ सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार विचार किया जाना चाहिए।
जेप फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका में केंद्र और अन्य को निर्देश देने की मांग की गई कि वे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों तक बच्चों की पहुंच को विनियमित करने के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण जैसी मजबूत आयु सत्यापन प्रणाली की शुरुआत को अनिवार्य बनाएं।
अधिवक्ता मोहिनी प्रिया के माध्यम से दायर याचिका में बाल संरक्षण नियमों का पालन करने में विफल रहने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के लिए सख्त दंड लागू करने की भी मांग की गई।






