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National

सुप्रीम कोर्ट का महत्त्वपूर्ण फैसला : नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता रहेगी बरकरार

thehohalla
Last updated: October 17, 2024 8:31 am
thehohalla 11 months ago
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Supreme Court
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नई दिल्ली, 17 अक्टूबर 2024:

सुप्रीम कोर्ट ने आज (17 अक्टूबर) 4-1 के बहुमत से नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा, जिसने असम समझौते को मान्यता दी।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला, और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।

असहमति व्यक्त करने वाले न्यायमूर्ति

न्यायमूर्ति पारदीवाला ने धारा 6ए को संभावित प्रभाव से असंवैधानिक ठहराने का असहमतिपूर्ण निर्णय दिया, जिसमें उन्होंने अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया।

फैसले की मुख्य बातें

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में कहा कि असम समझौता अवैध प्रवासन की समस्या का एक राजनीतिक समाधान था और धारा 6ए विधायी समाधान था। बहुमत का मानना था कि संसद के पास प्रावधान लागू करने की विधायी क्षमता है।

उन्होंने यह भी माना कि धारा 6ए को स्थानीय आबादी की सुरक्षा की आवश्यकता के साथ मानवीय चिंताओं को संतुलित करने के लिए अधिनियमित किया गया था।

आप्रवासियों का प्रभाव

बहुमत ने यह भी स्वीकार किया कि बांग्लादेश के साथ बड़ी सीमा साझा करने वाले अन्य राज्यों से असम को अलग करना तर्कसंगत था। असम में स्थानीय आबादी के बीच अप्रवासियों का प्रतिशत अन्य सीमावर्ती राज्यों की तुलना में अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, असम में 40 लाख प्रवासियों का प्रभाव पश्चिम बंगाल के 57 लाख प्रवासियों से अधिक है, जबकि असम में भूमि क्षेत्र पश्चिम बंगाल की तुलना में बहुत कम है।

यह निर्णय असम और उसके आस-पास के क्षेत्रों में नागरिकता और आप्रवासन से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, और इसके परिणाम देशभर में व्यापक रूप से चर्चा का विषय बन सकते हैं।

TAGGED:#Assam Accord#Citizenship Act 1955#DY Chandrachud#Indian citizenship law#Justice Pardiwala#migrants in Assam#Section 6A#Supreme Court ruling
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