National

20 हजार डॉलर तो और अमेरिका का ग्रीन कार्ड लो! : अमेरिका जल्द ला रहा है नया अधिनियम

नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025

ट्रंप प्रशासन अमेरिका में ग्रीन कार्ड आवेदनों की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक नया विधेयक लाने की कोशिश कर रहा है। फ्लोरिडा की रिपब्लिकन प्रतिनिधि मारिया एलवीरा सालाजार और टेक्सास की डेमोक्रेट वेरोनिका एस्कोबार ने एक नया विधेयक प्रस्तावित किया है, जिसके तहत दस साल से ज़्यादा समय से ग्रीन कार्ड का इंतज़ार कर रहे लोगों को अपने आवेदनों की समीक्षा के लिए 20,000 डॉलर अतिरिक्त देने होंगे।

इसी उद्देश्य से, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में ‘अमेरिकी सपने को साकार करने और उसे साकार करने के लिए हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हुए अप्रवासियों की गरिमा’ या 2025 का गरिमा अधिनियम पेश किया गया है। मारिया सालाजार ने कहा कि इस विधेयक का वाम और दक्षिणपंथी राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और यह दशकों से ग़लतियों से भरी एक व्यवस्था को दुरुस्त करने वाला क़ानून है। ऐसा लगता है कि यह विधेयक अमेरिकी आव्रजन प्रणाली में बदलाव की माँग के मद्देनज़र लाया गया है।

इस विधेयक के अनुसार, जिन लोगों ने पारिवारिक या रोज़गार के आधार पर ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया है और दस साल से ज़्यादा समय से इंतज़ार कर रहे हैं, उन्हें नियमित कतार से बचकर 20,000 डॉलर की प्रीमियम प्रोसेसिंग फ़ीस चुकाकर जल्दी ग्रीन कार्ड पाने का मौका मिलेगा। इस विधेयक में ग्रीन कार्ड के लिए प्रतीक्षा की अधिकतम सीमा तय करने और अगले दस सालों में ग्रीन कार्ड के लंबित मामलों को निपटाने का प्रावधान है। देशों पर लगाई गई 7 प्रतिशत की सीमा को भी बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इस विधेयक का उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि भारत जैसे उच्च माँग वाले देशों से आने वाले लोगों को जल्दी ग्रीन कार्ड मिले, साथ ही विभिन्न देशों के उम्मीदवारों के बीच प्रतीक्षा समय में अंतर की समस्या का समाधान भी किया जाए।

यह विधेयक उचित दस्तावेज़ों वाले ड्रीमर्स (सपनों के साथ अमेरिका आए लोग) और उनके बच्चों को स्थायी निवास प्रदान करेगा, जो कानूनी दर्जा खोने की उम्र तक पहुँच चुके हैं। इसके तहत, जो लोग कम से कम दस साल से अमेरिका में रह रहे हैं, वे कानूनी स्थायी निवास (एलपीआर) प्राप्त करने के पात्र होंगे। यह विधेयक आव्रजन प्रणाली में कुछ प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव करता है।

  • एफ-1 छात्र वीज़ा को दोहरे इरादे वाले वीज़ा में बदल दिया जाएगा, जिसका अर्थ है कि अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के पास अपने देश वापस लौटे बिना ही अमेरिका में स्थायी निवास के लिए आवेदन करने का विकल्प होगा। इसका अर्थ यह भी होगा कि वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (ओपीटी) के छात्रों को सामाजिक सुरक्षा और मेडिकेयर कर भी चुकाने होंगे।
  • वीज़ा आवेदकों के जीवनसाथी और बच्चों को वार्षिक वीज़ा गणना से बाहर रखा जाएगा, जिससे सीमा बढ़ाए बिना प्राथमिक लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने की संभावना बनी रहेगी।
  • STEM और चिकित्सा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय डॉक्टरेट स्नातक जो वीज़ा के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं, उन्हें भी उत्कृष्ट कौशल वाला माना जाता है।

इन सबके अलावा, संघीय एजेंसियों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने के लिए एक विशेष ‘आव्रजन एजेंसी समन्वयक’ की स्थापना की जाएगी। इस विधेयक में विदेश विभाग, श्रम विभाग और अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) में वीज़ा प्राधिकरणों में लंबित मामलों, प्रक्रिया में देरी और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए 3.6 अरब डॉलर आवंटित करने का प्रस्ताव है। अगर इसे मंज़ूरी मिल जाती है, तो वर्षों से ग्रीन कार्ड का इंतज़ार कर रहे भारतीयों के सपने तेज़ी से पूरे होने की संभावना है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button