नई दिल्ली, 20 अगस्त 2025
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऑनलाइन गेमिंग विधेयक को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने अब से ऑनलाइन सट्टेबाजी को गंभीर अपराध मानने का फैसला किया है। केंद्र ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग विधेयक का मसौदा इस तरह से तैयार किया गया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सट्टेबाजी दंडनीय होगी और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पेश करने की योजना बना रही है। अब से केंद्र सीधे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर नजर रखेगा। ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों के हमलों के कारण हमारे देश में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। मछली की तरह, नए ग्राहकों को शुरुआत में 2000 रुपये में 100 रुपये, 1000 रुपये में 2000 रुपये और फिर 1000 रुपये में 3000 रुपये देकर दलदल में फंसाया जा रहा है।
कुछ लोग आसानी से पैसे कमाने के लालच में, तो कुछ नशे की लत में, चौबीसों घंटे ऑनलाइन सट्टे के खेल में डूबे रहते हैं। पहले यह लत कुछ युवाओं तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह सरकारी कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, सॉफ्टवेयर इंजीनियरों, बैंककर्मियों समेत हर क्षेत्र में पहुँच गई है। हालाँकि, इस सट्टेबाज़ी में शामिल हर सौ लोगों में से लगभग 95 प्रतिशत लोग अंततः अपने हाथ जलाकर आर्थिक रूप से तबाह हो जाते हैं।
कुछ लोग पैसे के लिए आसान रास्ता अपना रहे हैं, तो कुछ इसे अपमानजनक मानकर अपनी और अपने परिवार की जान जोखिम में डाल रहे हैं। केंद्र सरकार ने इन ऑनलाइन सट्टेबाज़ी गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से ऑनलाइन गेमिंग विधेयक को मंज़ूरी दी है।
अब.. तेलंगाना में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर प्रतिबंध के बावजूद, हर दिन 4 नए सट्टेबाजी ऐप्स सामने आ रहे हैं। यूट्यूब, सोशल मीडिया और वेबसाइट खोलते ही सट्टेबाजी ऐप्स के विज्ञापन दिखाई दे रहे हैं। पुलिस केवल बड़ी घटनाओं या परिवार के सदस्यों के प्रभावित होने की स्थिति में शिकायतों के आधार पर ही कार्रवाई कर रही है। अन्यथा, आलोचनाएँ हो रही हैं कि यह उनका काम नहीं है। इससे ऑनलाइन सट्टेबाजी संचालक नाराज़ हैं।
वे अलग-अलग नामों से अपना धंधा चला रहे हैं। चूँकि नए ग्राहकों को लाने वाले नियमित ग्राहकों को पैसे के रूप में कमीशन दिया जा रहा है, इसलिए वे एक-एक करके हर दिन सैकड़ों-हज़ारों नए ऑनलाइन दांव और खेल खेलने के लिए तैयार हो रहे हैं।