अंशुल मौर्य
वाराणसी,24 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले, जिसमें 27 से अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई, के प्रति शोक और एकजुटता व्यक्त करते हुए वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर बुधवार शाम एक विशेष श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस हमले में देश-विदेश के पर्यटक और स्थानीय नागरिक शामिल थे। हमले की जिम्मेदारी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है।
गंगा तट पर मौन प्रार्थना और दीपदान
विश्वप्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती के दौरान हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। गंगा सेवा निधि के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सात अर्चकों ने गंगा में दीपदान किया और राष्ट्रीय एकता व शांति का संदेश दिया। आमतौर पर भक्ति गीतों से गूंजने वाला यह घाट उस शाम मौन और शोक में डूबा रहा।
“आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है भारत”
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष श्री सुशांत मिश्रा ने कहा, “पहलगाम का यह हमला मानवता और देश की एकता पर हमला है। हम मां गंगा के चरणों में दीप अर्पित कर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।” संस्था के कोषाध्यक्ष श्री आशीष तिवारी, संस्थापक सदस्य श्री इंदु शेखर शर्मा और सचिव श्री हनुमान यादव सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
काशी का ऐतिहासिक संकल्प
इस आयोजन के माध्यम से काशी ने एक बार फिर साबित किया कि राष्ट्रीय संकट के समय यह नगरी एकजुटता और आस्था का प्रतीक बनकर उभरती है। गंगा में तैरते दीपक न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि थे, बल्कि यह संकल्प भी दोहराते थे कि “भारत आतंकवाद के आगे कभी नहीं झुकेगा।”