
लखनऊ, 11 अप्रैल 2025
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्थानीय वकील अशोक पांडे को 2021 के न्यायालय की अवमानना मामले में छह महीने जेल की सज़ा सुनाई है। यह सज़ा उस घटना से उपजी है जिसमें पांडे बिना वकील की पोशाक के और अपनी शर्ट के बटन खोलकर में पेश हुए थे।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बी.आर. सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता, पांडे के पिछले आचरण और कानूनी प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार करने के कारण उसे “कड़ी सजा दी जानी चाहिए।”
वकील पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न चुकाने पर उसे एक महीने की अतिरिक्त जेल भी होगी।पांडे को लखनऊ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि पांडे को इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ बेंच में वकालत करने से क्यों न रोक दिया जाए। उन्हें 1 मई तक जवाब देने को कहा गया है।
अगस्त 2021 में पांडे के अनुचित पोशाक में पेश होने के बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू की गई थी, जिसके दौरान उन्होंने कथित तौर पर न्यायाधीशों को “गुंडा” कहा था जब उन्हें जाने के लिए कहा गया था। कई अवसरों के बावजूद, पांडे ने आरोपों का कभी जवाब नहीं दिया। अदालत ने अपने फैसले में एक कारक के रूप में 2017 में अदालत परिसर से दो साल के प्रतिबंध सहित उनके पिछले रिकॉर्ड का भी हवाला दिया।