
कोलकत्ता, 19 मई 2025
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार व्दारा भेजे जा रहे सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है, पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर को लेकर बवाल मचा और अब क्रिकेटर से राजनेता बने यूसुफ पठान को लेकर विवाद सामने आ गया है। हाल ही में पश्चिम बंगाल के बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य यूसुफ पठान को ऑपरेशन सिंदूर पर बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बिना परामर्श शामिल करने पर तृणमूल कांग्रेस ने उनका नाम वापस ले लिया। वैसे आधिकारिक तौर पर अभी तक इस निर्णय के पीछे के कारणों के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने कहा कि चूंकि तृणमूल कांग्रेस की अपनी अलग पहचान और आंतरिक अनुशासन है, इसलिए नेतृत्व भाजपा या केंद्र सरकार द्वारा बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में पार्टी सांसद के “एकतरफा चयन” को स्वीकार नहीं कर सकता।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “पठान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के बारे में ममता बनर्जी को पहले से जानकारी नहीं दी गई थी। इस मामले की जानकारी आधिकारिक तौर पर पार्टी नेतृत्व को भी नहीं दी गई। इसके बजाय, संबंधित लोकसभा सदस्य से सीधे संपर्क कर उनके पासपोर्ट की जानकारी मांगी गई। न तो भाजपा और न ही केंद्र सरकार एकतरफा फैसला कर सकती है कि किसी बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।”
आधिकारिक तौर पर, तृणमूल कांग्रेस का संस्करण, जैसा कि राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है, यह है कि यद्यपि पार्टी नेतृत्व राष्ट्रीय हित में केंद्र सरकार द्वारा अपनाई गई किसी भी पहल के साथ पूरी तरह से खड़ा है, लेकिन वह चाहता है कि अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति को केवल केंद्र द्वारा ही संभाला जाए।
संयोगवश, मुख्यमंत्री समेत तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया देने में अत्यंत सतर्क रुख अपना रहा था, जिसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कई आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।
यहां तक कि मुख्यमंत्री खुद भी मीडिया से बातचीत करते समय इस मामले पर टिप्पणी करने से बचते हैं। यहां तक कि एक बार, जब पार्टी के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने पिछले सप्ताह ऑपरेशन सिंदूर पर कुछ भद्दी टिप्पणियां कीं, तो पार्टी ने अप्रत्यक्ष रूप से उन पर सेंसरशिप लगा दी और ऑपरेशन सिंदूर पर रॉय की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हुए एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया है, “हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि सांसद प्रोफेसर सौगत रॉय द्वारा दिया गया बयान अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की राय नहीं है।”
इसके साथ ही पार्टी नेतृत्व ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशील इस मुद्दे पर कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी न करें, चाहे वह सोशल मीडिया पर हो। अब आगे सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है यह देखने योग्य होगा, फिलहाल इस मामले में सरकार और विपक्ष के बीच प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को लेकर खींचतान मची हुई है।






