Maharashtra

मुस्लिमों को डराने-आंख दिखाने वालो को बख्शा नहीं जाएगा : अजित पवार

मुंबई, 23 मार्च 2025

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को डराने या सांप्रदायिक विवाद पैदा करने के किसी भी प्रयास का सख्त जवाब दिया जाएगा और आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी। मुंबई में आयोजित इफ्तार पार्टी में बोलते हुए पवार ने एकता और सामाजिक सद्भाव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने समुदाय को अपने समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा, “यदि कोई हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को धमकाने या सांप्रदायिक विवाद पैदा करने की हिम्मत करता है, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”

राकांपा नेता ने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ सांप्रदायिक सद्भाव और एकता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि होली, गुड़ी पड़वा और ईद जैसे त्योहार एकजुटता को बढ़ावा देते हैं और इन्हें सामूहिक रूप से मनाया जाना चाहिए, क्योंकि एकता ही राष्ट्र की असली ताकत है।

पवार ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बीआर अंबेडकर, ज्योतिबा फुले और अन्य कई महान नेताओं ने सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर सामाजिक प्रगति का मार्ग दिखाया है। हमें इस विरासत को आगे बढ़ाना है। भारत एकता और विविधता का प्रतीक है। हमने अभी होली मनाई है और अब गुड़ी पड़वा और ईद आ रही है। ये त्योहार हमें मिलजुल कर रहना सिखाते हैं। हमारी असली ताकत एकता में है।”

मुस्लिम समुदाय को अपने समर्थन का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा, “आपके भाई अजित पवार आपके साथ हैं। अगर कोई हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को डराने-धमकाने या सांप्रदायिक विवाद पैदा करने की कोशिश करता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।”

इससे पहले गुरुवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने राष्ट्रीय राजधानी में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।

इफ्तार पार्टी में कांग्रेस सांसद शशि थरूर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं।

इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और सपा सांसद जया बच्चन सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।

रमज़ान इस्लामी कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना है और हिजरी (इस्लामी चंद्र कैलेंडर) के नौवें महीने में आता है। इस पवित्र अवधि के दौरान, मुसलमान सुबह से लेकर शाम तक उपवास रखते हैं, जिसे रोज़ा कहा जाता है, जो इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है। यह भक्ति, आत्म-संयम और आध्यात्मिक चिंतन के मूल्यों का प्रतीक है।

इस बीच, महाराष्ट्र में नागपुर हिंसा को लेकर तीव्र राजनीतिक बहस चल रही है, जो महायुति सरकार द्वारा छत्रपति संभाजीनगर से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के बीच भड़की थी।

नागपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा राज्य सरकार की आलोचना जारी रहने के बीच, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) गुट पर पलटवार करते हुए खुद की तुलना छत्रपति संभाजी महाराज से की और विपक्ष पर सत्ता के लिए समझौता करने का आरोप लगाया।

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