
उदयपुर, 3 जून 2025
राजस्थान के उदयपुर में एक खौफनाक हत्या का मामला सामने आया है। यहां पर एक युवक ने बॉलीवुड थ्रिलर फिल्म ‘दृश्यम’ को देखकर हत्या की एक भयानक साजिश रची। जिसमें उसने एक बुजुर्ग महिला की पहले तो हत्या कर दी, फिर पुलिस और लोगों को हत्या का पता ना चले और कोई सुराग ना मिले इसलिए इसके बाद उसने महिला के शव को जला दिया और अवशेषों को एक झील में फेंक दिया। बता दे कि यह मामला चांदी बाई के परिवार द्वारा उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के दो महीने बाद सामने आया।
मामले में पुलिस ने बताया कि आरोपी रमेश लोहार कक्षा 5वीं की पढ़ाई छोड़ चुका है और उसे थ्रिलर और क्राइम पेट्रोल जैसे सच्चे अपराध शो देखना पसंद था। उदयपुर के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मनीष कुमार ने बताया कि उसने पुलिस को बताया कि उसने महिला चांदी बाई (70) की हत्या करने का फैसला किया क्योंकि वह उसके गहने चुराना चाहता था।
ढोली जाति से ताल्लुक रखने वाली चांदी बाई 9 जनवरी को एक कार्यक्रम में ढोल बजाने के लिए जा रही थी, तभी युवक ने उसे देखा। एएसपी ने बताया कि उसने भारी चांदी और सोने के आभूषण पहने हुए थे। 22 फरवरी को रमेश ने चांदी बाई को एक समारोह में प्रस्तुति देने के लिए 1,100 रुपये का लालच देकर अपनी वैन में बिठाया। इसके बाद वह घंटों तक गाड़ी चलाता रहा और पुलिस को कभी शक ना इसके लिए उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। कुमार ने बताया कि रात में आरोपी महिला को एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके बाद उसने महिला के सिर पर कई बार पेचकस से वार कर उसकी हत्या कर दी।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद आरोपी ने उसके आभूषण उतार लिए, उसका मोबाइल फोन बंद कर दिया और मोबाइल फोन सहित उसका बैग पास के जंगल में फेंक दिया। इसके बाद रमेश डंपिंग यार्ड में गया, शव को मलबे से ढक दिया और उसे आग लगा दी ताकि कोई निशान न बचे। अगली सुबह, वह महिला के अवशेषों को इकट्ठा करने के लिए डंपिंग यार्ड में वापस गया और उन्हें एक झील में फेंक दिया। एएसपी के अनुसार, उसे विश्वास था कि फिल्म “दृश्यम” की तरह, अगर शव नहीं मिला तो वह पकड़ा नहीं जाएगा।
हालाँकि, यह कोई पुख्ता अपराध नहीं था क्योंकि पुलिस को डंपिंग यार्ड में महिला की खोपड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े मिले थे। फोरेंसिक जांच के दौरान रमेश की वैन में खून के धब्बे और मानव बाल भी पाए गए। एएसपी कुमार ने बताया कि बाद में बालों के नमूनों का मिलान चांदी बाई के बिस्तर से लिए गए नमूनों से किया गया।
वहीं इतना समय बीतने के बाद भी मामले में कोई प्रगति न होने से चिंतित चांदी बाई के परिजनों ने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया और आशंका जताई कि उसकी हत्या की गई है। एफआईआर दर्ज कर जांच एएसपी को सौंप दी गई। जांच के दौरान कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने 22 फरवरी को चांदी के रंग की एक वैन में चांदी बाई को ले जाते हुए देखा था। आगे की जांच में पता चला कि वैन रमेश की थी, जो एक स्थानीय कृत्रिम आभूषण विक्रेता था और उसका आपराधिक रिकॉर्ड था। अधिकारी ने कहा, “रमेश को पूछताछ के लिए लाया गया और शुरू में उसने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया। चांदी बाई के कॉल रिकॉर्ड के तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि उसके लापता होने के दिन दोनों एक ही स्थान पर थे।”
पुलिस को यह भी पता चला कि रमेश का “आपराधिक आचरण का इतिहास” रहा है, जिसमें बलात्कार का एक मामला भी शामिल है, जिसके कारण उसे न्यायिक हिरासत में जाना पड़ा था। पुलिस को रमेश के डिजिटल फुटप्रिंट मिलने से एक बड़ी सफलता मिली, जिससे पता चला कि वह गूगल पर “दृश्यम” और क्राइम शो के बारे में सर्च कर रहा था। एएसपी कुमार ने बताया कि उसने “शरीर को सड़ने में कितना समय लगता है” और “मोबाइल ट्रैकिंग के जरिए पुलिस अपराधियों को कैसे पकड़ती है” जैसे सवाल भी सर्च किए थे। आरोपी की पत्नी ने भी पुष्टि की कि उसे अपराध संबंधी कार्यक्रम देखने की आदत थी, अक्सर देर रात तक। फिलहाल मामले में पुलिस की कार्यवाही जारी है।






