Rajasthan

राजस्थान का अनोखा कपल, 95 साल का दूल्हा और 90 की दुल्हन, 70 साल लिव-इन के बाद की शादी… पोते-पोतियां भी हुए शामिल

जयपुर, 8 जून 2025

कहते है प्यार और शादी की कोई उम्र नहीं होती, जाने कब प्यार हो जाए और ना जाने कब शादी। ठीक ऐसा ही एक मामला राजस्थान के डूंगरपुर जिले में भी देखने को मिला। जहां एक कपल जो पिछले 70 सालों से साथ रह रहे थे, उन्होंने अब अपने इस रिश्ते को शादी के बंधन में बदल दिया। जब से यह खबर से सोशल मीडिया में वायरल हुई है तब से हर तरफ इसी के चर्चें होने लगे हैं।

दरअसल यह पूरा मामला राजस्थान के डूंगरपुर जिले के आदिवासी गांव गलांदर के रामा भाई खरारी (95) और जीवली देवी (90) का है। वैसे इन दोनों के आठ बच्चे और कई पोते-पोतियां हैं, जबकि वे शादीशुदा नहीं हैं। हालांकि, सात दशक के प्रेम संबंध के बाद, इस जोड़े ने हाल ही में शादी करने का फैसला किया, जिसमें उनके बच्चों ने भी पूरा समर्थन दिखाया।

दंपत्ति के बेटे कांति लाल खरारी ने मीडिया को बताया, “उन्होंने शादी करने में रुचि दिखाई और पूरे परिवार ने इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। गांव के बुजुर्गों से भी सलाह ली गई और 1 जून को हल्दी की रस्म हुई। 4 जून को शादी समारोह आयोजित किया गया और पूरा गांव इसे मनाने के लिए आया।”

जोड़े की पारंपरिक विवाह-पूर्व बारात, जिसे बंदोली भी कहा जाता है, में डीजे संगीत, ग्रामीणों के साथ नृत्य, तथा जोड़े के बच्चों के शामिल होने की परंपरा थी। पारंपरिक सात फेरे (पवित्र अग्नि के चारों ओर सात फेरे) के बाद, नवविवाहितों के सम्मान में एक सामुदायिक भोज का आयोजन किया गया।

लाल ने कहा, “पूरा गांव बंदोली में मौजूद था। संगीत और उत्सव के साथ हमने यह अनुष्ठान पूरा किया।” उल्लेखनीय है कि यह जोड़ा नाता परंपरा के तहत एक साथ रह रहा था, जो राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों की एक अनूठी विशेषता है। इस प्रथा के तहत कोई भी आदिवासी पुरुष या महिला बिना शादी के अपनी पसंद के किसी अन्य व्यक्ति के साथ रह सकता है। ऐसे रिश्ते से पैदा होने वाले बच्चे को पुरुष की सभी तरह की संपत्ति पर अधिकार होता है।

हालांकि, गैर-विवाहित स्थिति के कारण, कुछ प्रतिबंध हैं, खासकर सामाजिक आयोजनों में। महिलाओं को अपने बच्चों की शादी, हल्दी समारोह, दूल्हे का स्वागत जैसे अन्य समारोहों में भाग लेने की अनुमति नहीं है।

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