लखनऊ, 25 अक्टूबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में शनिवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने एक बार फिर आरक्षण में कथित भेदभाव के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव करते हुए नारेबाजी की और सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से न रखने का आरोप लगाया।
मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेज दिया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 13 अगस्त 2024 को उनके पक्ष में निर्णय दिया था, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश हुआ था। बावजूद इसके, सरकार आदेश का पालन करने में टालमटोल कर रही है।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को प्रस्तावित है। उन्होंने मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में सक्षम अधिवक्ता भेजकर अभ्यर्थियों का पक्ष प्रभावी रूप से रखे। अन्यथा वे सामूहिक आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को विवश होंगे।
अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि अम्बेडकरनगर जिले से आने वाले उनके साथियों को पुलिस ने रात में रोक लिया, जिससे प्रदर्शन में शामिल लोगों की संख्या सीमित रही। उनका कहना है कि सरकार पुलिस के माध्यम से आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है।
69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 में प्रारंभ हुई थी और तब से ही यह विवादों और कानूनी पेचिदगियों में उलझी हुई है। अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार, न्यायालय के आदेश का सम्मान करे और आरक्षित वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति प्रदान करे।






