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पुण्यतिथि पर सीएम ने सरदार पटेल को किया नमन, कहा…देश के प्रति उनकी सेवाएं व योगदान चिरस्मरणीय

श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए मुख्यमंत्री, दोनों डिप्टी सीएम व कई मंत्रियों के साथ भाजपा के पदाधिकारी रहे मौजूद

लखनऊ, 15 दिसंबर 2025:

राजधानी लखनऊ स्थित हजरतगंज स्थित पटेल पार्क में ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि दी। प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर सीएम ने कहा कि उनकी सूझबूझ के परिणामस्वरूप रक्तहीन क्रांति के माध्यम से जूनागढ़ व हैदराबाद, ये दोनों रियासतें भारत गणराज्य का हिस्सा बनीं। देश के प्रति उनकी सेवाएं और योगदान हम सभी के लिए एक चिरस्मरणीय अध्याय बन गया।

पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक व जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के साथ अन्य मंत्री भी मौजूद थे। इस मौके पर सीएम ने कहा पूरा देश आज अखंड भारत के शिल्पी, लौह पुरुष, ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का स्मरण कर रहा है। वर्तमान भारत का जो स्वरूप है, उसके शिल्पी के रूप में देश सदैव लौह पुरुष, ‘भारत रत्न’ सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण करेगा।

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सीएम ने कहा जम्मू कश्मीर पंडित नेहरू के हाथों में था उन्होंने उसे इतना विवादित करने का काम किया कि वो भारत को आजादी के बाद लगातार डसता रहा। अलगाववाद, आतंकवाद, उग्रवाद ये उसी कश्मीर से पंडित नेहरू के कारण देश को प्राप्त हुआ। ये देश आभारी है प्रधानमंत्री का जिन्होंने सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के सपने को साकार किया और कश्मीर में धारा 370 समाप्त किया। इससे कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा बना और एक देश मे एक प्रधान एक निशान एक विधान के संकल्प को आगे बढाया।

सीएम योगी ने कहा कि आजादी के समय सरदार पटेल ने भारत के विभाजन का पुरजोर विरोध किया और अपनी दूरदर्शिता तथा दृढ़ नेतृत्व से 567 देसी रियासतों को भारत गणराज्य का अभिन्न हिस्सा बनाया। उन्होंने कहा कि जूनागढ़ और हैदराबाद जैसी रियासतें भारत में शामिल होने से इनकार कर रही थीं, लेकिन सरदार पटेल की सूझबूझ और रणनीति के चलते रक्तहीन क्रांति के माध्यम से दोनों रियासतों का भारत में विलय संभव हो सका।

सीएम योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार, प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और भारतीय प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने जैसे अनेक ऐतिहासिक कार्य किए। उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य रहा कि 15 दिसंबर 1950 को सरदार पटेल का निधन हो गया, लेकिन उनका योगदान और राष्ट्र के प्रति समर्पण हर भारतवासी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

इस अवसर पर महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, उमेश द्विवेदी, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा उपस्थित रहे।

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