
लखनऊ, 28 अगस्त 2025
यूपी के संभल जिले में गत वर्ष 24 नवंबर को मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए गठित आयोग ने अपनी रिपोर्ट गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा की अध्यक्षता में गठित इस जांच आयोग में पूर्व डीजीपी एके जैन और सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद भी सदस्य थे।
मुख्यमंत्री आवास पर योगी को सौंपी गई 450 पन्नों की इस विस्तृत रिपोर्ट में 24 नवंबर की हिंसा के अलावा संभल के इतिहास में हुए अन्य दंगों का भी जिक्र है। रिपोर्ट में उन दंगों के दौरान हुई घटनाओं का भी पूरा विवरण दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में संभल में जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन का भी उल्लेख है, जिसमें यह बताया गया है कि कभी यहां की हिंदू आबादी 45 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 15 से 20 प्रतिशत रह गई है।
रिपोर्ट में संभल में हिंदुओं की घटती आबादी के कारणों और दंगों की साजिशों का भी उल्लेख किया गया है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट में बाबर के दमन के साक्ष्य के साथ डेमोग्राफिक बदलाव, दंगे और आतंकी नेटवर्क पर भी बड़े खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट को बेहद गोपनीय बताया गया है। इसमें संभल को लेकर कई गंभीर और चौंकाने वाले तथ्य दर्ज हैं।
जांच रिपोर्ट को पहले राज्य कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सदन में रखे जाने की बात कही जा रही है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कई बड़े मामलों का खुलासा होने की उम्मीद है। रिपोर्ट सौंपते समय मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और प्रमुख सचिव (संसदीय कार्य) जेपी सिंह भी मौजूद थे।





