लखनऊ, 17 दिसंबर 2025:
यूपी के ग्रामीण युवाओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को सुलभ बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी पहल की है। सीएम के निर्देश पर प्रदेश के पहले चरण में 11,350 ग्राम पंचायतों में अत्याधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जा रही हैं। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गांव के छात्र अब सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, एसएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शहरों पर निर्भर न रहें।
प्रत्येक डिजिटल लाइब्रेरी पर लगभग 4 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें 2 लाख रुपये की पुस्तकों की व्यवस्था, 1.30 लाख रुपये के आईटी उपकरण जैसे कंप्यूटर, इंटरनेट और डिजिटल एक्सेस सिस्टम, तथा 70 हजार रुपये का आधुनिक और आरामदायक फर्नीचर शामिल होगा। इन लाइब्रेरी में ई-बुक्स, वीडियो लेक्चर, ऑडियो कंटेंट, क्विज और लगभग 20 हजार डिजिटल शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन का एक ही स्थान पर पूरा संसाधन मिल सके।

पंचायतीराज निदेशक अमित कुमार सिंह के अनुसार सीएम के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएंगी। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि युवा रोजगार के लिए अधिक सक्षम और प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे। डिजिटल लाइब्रेरी का प्रबंधन ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव के जिम्मे होगा, जबकि सहायक अधिकारी इसकी नियमित निगरानी और रखरखाव करेंगे।
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 35 जिलों में पुस्तकों का चयन पूरा कर लिया गया है। इनमें अमरोहा, आजमगढ़, बांदा, बलिया, बागपत, बदायूं, बरेली, बिजनौर, चित्रकूट, एटा, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, हापुड़, जालौन, कानपुर देहात, कन्नौज, कौशाम्बी, कासगंज, लखनऊ, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, सम्भल, शामली, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर और सीतापुर शामिल हैं।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत इन जिलों की ग्राम पंचायतों में जल्द ही डिजिटल लाइब्रेरी शुरू होने जा रही हैं। सरकार की यह पहल ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है। ये ग्रामीण प्रतिभाओं को डिजिटल शक्ति देकर उन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगी।






