लखनऊ, 29 जून 2025:
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में जुलाई माह में शुरू हो रहे ‘वन महोत्सव’ एवं ‘नदियों के पुनरुद्धार’ कार्यों की समीक्षा की। सीएम ने वन महोत्सव की अवधि में जन्म लेने वाले नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ व उनकर अभिभावकों को एक पौधा गिफ्ट करने का ऐलान किया।
एक दिन में आबादी से अधिक 35 करोड़ पौधे रोपेंगे, हीटवेव से ग्रीनवेव की ओर बढ़ रहा यूपी
सीएम ने बैठक के दौरान ‘वृक्षारोपण महाभियान- 2025’ के ‘लोगो’ का अनावरण किया। सीएम ने कहा कि हम एक दिन में प्रदेश की आबादी से भी अधिक 35 करोड़ पौधे लगाने जा रहे हैं। ये प्रयास यूपी को हीटवेव से ग्रीनवेव की ओर ले जाएगा। जितना महत्वपूर्ण पौधरोपण है, उतनी ही गम्भीरता से पौधों की सुरक्षा भी की जानी चाहिए। प्रत्येक रोपे गए पौधे की जियो टैगिंग करायी जाए और उनकी फेंसिंग की व्यवस्था हो। यह अभियान केवल सरकार का कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोगों के बेहतर भविष्य की बुनियाद है। जब हर घर एक पौधा लगाएगा और हर नागरिक उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, तब उत्तर प्रदेश न केवल देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य रहेगा, बल्कि सबसे हरित और पर्यावरण सजग प्रदेश भी बनकर सामने आएगा।
ग्रीन कवर इंडेक्स में 3 लाख एकड़ का इजाफा
‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम पर आधारित वृक्षारोपण महाअभियान में हमारा सामूहिक प्रयास प्रदेश को ‘हीटवेव से ग्रीनवेव’ की ओर ले जा रहा है। वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच प्रदेश में 204.92 करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं और भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के दौरान उत्तर प्रदेश के हरित आवरण में ऐतिहासिक रूप से तीन लाख एकड़ की वृद्धि दर्ज की गई है, जो लोगो के जुड़ने से ही सम्भव हुआ है।
एक्सप्रेसवे के किनारे, नदियों के तट, तालाब, उद्योग, स्कूल व हॉस्पिटल परिसर कोई अछूता न रहे
गोरखपुर लिंक, पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, आगरा-लखनऊ और गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे सर्विस लेन और मुख्य मार्गों के बीच आकर्षक हरित पट्टी तैयार हो सके। इसके अलावा सभी औद्योगिक इकाइयों और परिसरों, सार्वजनिक स्थलों पर फलदार वृक्षों का रोपण किया जाना चाहिए ताकि हरियाली के साथ-साथ पौष्टिकता भी बढ़े। नदियों के दोनों तटों पर वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे जल गुणवत्ता और जैव विविधता दोनों को लाभ मिले। नदियों का चैनलाइजेशन भी किया जाए। नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में आने वाले सभी तालाबों के किनारों पर भी पौधरोपण कराएं। प्रोजेक्ट अलंकार से जुड़े सभी विद्यालयों में वृहद स्तर पर पौधरोपण कराया जाए। इसी प्रकार, सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में सहजन सहित छायादार वृक्षों का रोपण आवश्यक रूप से किया जाए, ताकि इन संस्थानों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भविष्य में इसका लाभ मिल सके।
वन महोत्सव में नदियों के पुनर्जीवन पर खास ध्यान रहे
इस वर्ष वन महोत्सव के अन्तर्गत नदियों के पुनर्जीवन को भी केन्द्र में रखा जाए। पूर्व में किए गए संरक्षण प्रयासों से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं, जिन्हें आगे बढ़ाना जरूरी है। इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विभागवार कार्ययोजना को अत्यन्त गम्भीरता से लागू किया जाए। यह प्रयास पर्यावरणीय चेतना को व्यक्तिगत जीवन से जोड़ने का अभिनव प्रयोग होगा, जिसमें पौधे की देखभाल की जिम्मेदारी उसी भावना से निभायी जाएगी, जैसी किसी नवजात की। इस पहल को अभियान का भावनात्मक आधार बनाया जाए और इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचायी जाए।