(18 फरवरी – 5 मार्च 2025)
बजट सत्र का कैलेंडर और प्रमुख चरण
- 18 फरवरी: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानमंडल के संयुक्त सदन को संबोधित किया और अभिभाषण पेश किया।
- 19 फरवरी: राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी।
- 20 फरवरी: वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट को विधानसभा में पेश करेंगे। इसी दिन, अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा भी शुरू होगी।
- 21 फरवरी – राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी।
- 22-23 फरवरी – शनिवार और रविवार को अवकाश के दिन बैठक नहीं होगी।
- 24 फरवरी – बजट प्रस्ताव पर पुनः चर्चा शुरू होगी।
- 25 फरवरी – बजट प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
- 26 फरवरी: महाशिवरात्रि के कारण अवकाश रहेगा।
- 27-28 फरवरी: बजट पर चर्चा जारी रहेगी।
- 3-4 मार्च: अनुदान मांगों पर विभागवार चर्चा होगी।
- 5 मार्च: बजट को विधानसभा में पारित किया जायेगा।
बजट 2025-26 की मुख्य घोषणाएँ - महिला सशक्तिकरण:
o सभी पात्र महिलाओं को ₹2500 प्रति माह की सहायता राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव शामिल है।
o स्वरोजगार और कौशल विकास कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान। - वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत:
o पेंशन राशि में वृद्धि की घोषणा, हालाँकि नई राशि अभी स्पष्ट नहीं। - अवसंरचना और कृषि विकास:
o चार नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए धन आवंटन।
o किसानों को मुफ्त बिजली और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार। - युवाओं के लिए योजनाएँ:
o उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए युवा उद्यमी विकास अभियान का विस्तार।
o शिक्षण संस्थानों में नए भवन और छात्रवृत्तियों में वृद्धि। - स्वास्थ्य और शिक्षा:
o अस्पतालों के बुनियादी ढाँचे का उन्नयन और नए ट्रॉमा सेंटर।
o वानिकी यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान।
बजट सत्र की विशेषताएँ
• क्षेत्रीय भाषाओं में चर्चा: विधायकों को अवधी, ब्रज, बुंदेलखंडी और भोजपुरी जैसी भाषाओं में बोलने की सुविधा, जिसके लिए अनुवादकों की व्यवस्था की गई।
• हंगामे की आशंका: विपक्ष ने महाकुंभ भगदड़ और मिल्कीपुर उपचुनाव में धांधली के मुद्दे उठाकर सरकार को घेर सकती है।
• बजट का आकार: पिछले वर्ष के 7.66 लाख करोड़ के मुकाबले इस बार 8.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट।
आर्थिक प्रभाव और लक्ष्य
• जीडीपी वृद्धि: राज्य की जीडीपी 30 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने का अनुमान।
• रोजगार सृजन: औद्योगिक गलियारों और निवेश इरादों (7 लाख करोड़ रुपये) पर जोर।
• राजस्व संग्रह: GST/VAT से 1.56 लाख करोड़ रुपये के संग्रह का लक्ष्य।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश का बजट सत्र 2025-26 सामाजिक कल्याण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करता है। महिलाओं, युवाओं और किसानों को केंद्र में रखकर बनाई गई योजनाएँ राज्य के समावेशी विकास को गति देंगी। हालाँकि, विपक्षी हंगामों और नीतियों के कार्यान्वयन की चुनौतियाँ सरकार के लिए परीक्षा का विषय बनी रहेंगी।