
देहरादून, 11 जून 2025:
उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल चारधाम यात्रा में इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की रिकॉर्डतोड़ भीड़ देखने को मिल रही है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के साथ ही सिख श्रद्धालुओं के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब में अब तक 22 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। इससे यात्रा ने पिछले वर्षों के कई रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं।
ताजा आंकड़ों के अनुसार अकेले 5 जून को ही 78,786 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा में भाग लिया। इसमें केदारनाथ में 24,871, बद्रीनाथ में 23,729, गंगोत्री में 13,117 और यमुनोत्री में 9,880 श्रद्धालु शामिल रहे। प्रतिदिन औसतन 70,000 से अधिक यात्री इन पवित्र स्थलों पर पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालुओं की इस भारी भीड़ से यात्रा मार्गों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए डिजिटल टोकन व्यवस्था और अनिवार्य ऑनलाइन पंजीकरण जैसी व्यवस्थाएं लागू की हैं। इसके बावजूद कई श्रद्धालु बिना पंजीकरण के पहुंच रहे हैं, जिससे व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं।

स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन यात्रियों से पूर्व चिकित्सकीय जांच कराने, मौसम की जानकारी लेकर यात्रा करने और सतर्क रहने की अपील कर रहा है। अब तक यात्रा के दौरान 83 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें अधिकतर मामले केदारनाथ मार्ग से सामने आए हैं। यह तीर्थ यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों को उजागर करता है।
धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ यह यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी के लिए भी अहम है। स्थानीय व्यापारियों और आम नागरिकों के लिए यह एक रोज़गार का प्रमुख साधन बन चुकी है। 2 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से अब तक लगभग 7 लाख श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं, वहीं हेमकुंड साहिब में 25 मई से अब तक 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेका है।
चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने बताया कि प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। वहीं एसपी सर्वेश पवार ने जानकारी दी कि यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सभी प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। असामाजिक तत्वों द्वारा जेब कटने और मोबाइल चोरी जैसी घटनाओं में लिप्त लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
प्रशासन और पुलिस की सतर्कता से अब तक की यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संचालित हो रही है। साफ-सफाई, चिकित्सा, जलपान और ट्रैफिक की व्यवस्थाओं पर लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके।






