देहरादून, 24 जुलाई 2025:
उत्तराखंड के चर्चित चिटफंड घोटालों में से एक LUCC (एलयूसीसी) मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हाई-प्रोफाइल मामले को सीबीआई के हवाले करने के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है।
आरोप है कि एक फर्जी सहकारी समिति के माध्यम से देशभर में लगभग 189 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया गया, जिसमें से 92 करोड़ रुपये की ठगी अकेले उत्तराखंड में हुई।
LUCC नामक चिटफंड कंपनी ने देशभर के हजारों निवेशकों को कम समय में अधिक मुनाफे और विदेशी निवेश से मोटी कमाई का झांसा देकर करोड़ों रुपये जुटाए। ठगी के बाद जब समय पर परिपक्व राशि वापस नहीं मिली तब लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किए और शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ।
उत्तराखंड के देहरादून, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में अब तक 13 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जा चुकी हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि संस्था ने प्रदेशभर में 35 शाखाएं खोली थीं और विशेष रूप से ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों को निशाना बनाया गया था। LUCC ने रिफाइनरी, सोना, तेल और विदेशी निवेश जैसे आकर्षक झांसे देकर लोगों को गारंटीड रिटर्न का लालच दिया।
राज्य सरकार को सौंपे गए पुलिस जांच रिपोर्ट में कंपनी की कार्यप्रणाली, निवेशकों की संख्या और भारी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ। अंतरराज्यीय और संगठित नेटवर्क को देखते हुए अब CBI को यह मामला सौंपा गया है।
हालांकि, पुलिस पहले ही कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन मास्टरमाइंड और पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने के लिए CBI जांच को जरूरी कदम माना जा रहा है। CBI जांच की मंजूरी के बाद हजारों ठगे गए निवेशकों में न्याय की उम्मीद जगी है कि दोषियों को सजा मिलेगी और उनकी मेहनत की कमाई वापस मिलने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
राज्य सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि जांच में तेजी लाई जाएगी और जल्द से जल्द कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। चिटफंड जैसे मामलों में यह कदम भविष्य के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।