देहरादून, 24 अप्रैल 2025:
उत्तराखंड सरकार की अभिनव पहल उत्तराखंड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (यूके-जीएएमएस) को “नवाचार – राज्य श्रेणी” में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा प्रदान किया गया।
यह पहला मौका है जब उत्तराखंड को नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में शुरू की गई यह परियोजना सरकारी परिसंपत्तियों की निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
AI आधारित जियोस्पेशियल तकनीक से सुसज्जित प्रणाली
यूके-जीएएमएस अत्याधुनिक एआई आधारित जियोस्पेशियल निगरानी प्रणाली है, जो 50 सेंटीमीटर रिज़ॉल्यूशन वाले सेटेलाइट डेटा और राज्य में ही विकसित AI Model का उपयोग कर सरकारी परिसंपत्तियों का डिजिटलीकरण, जियो-फेंसिंग और प्रभावी निगरानी करती है। पहले जहां कागजी नक्शों और विभागीय समन्वय की कमी के कारण सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को समय पर रोकना कठिन था, वहीं अब इस प्रणाली ने कार्यप्रणाली को अत्यधिक सुदृढ़ बना दिया है।
66,000 से अधिक परिसंपत्तियों का डिजिटलीकरण
अब तक उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में 66,000 से अधिक सरकारी परिसंपत्तियों को इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है। 188 मामलों में भूमि उपयोग परिवर्तन की पहचान कर आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई भी की जा चुकी है। इससे राज्य में पारदर्शिता बढ़ी है, अनधिकृत निर्माण रुके हैं और विभागीय समन्वय में तेजी आई है।
इस परियोजना की संकल्पना, विकास और सफल क्रियान्वयन उत्तराखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (यूएसएसी) की निदेशक नितिका खंडेलवाल के नेतृत्व में हुआ। उनकी टीम के अथक प्रयासों और तकनीकी दक्षता के लिए उन्हें प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।
इस सफलता के पीछे प्रणाली का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन मॉडल भी बेहद महत्वपूर्ण रहा है। इसके अंतर्गत राज्य के 60 से अधिक विभागों और 47 स्वायत्त संस्थाओं के 6,600 से अधिक फील्ड अधिकारियों और लगभग 1,000 पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।
राष्ट्र के लिए अनुकरणीय मॉडल
यूके-जीएएएस न केवल उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह अन्य राज्यों और सरकारी क्षेत्रों के लिए भी एक अनुकरणीय मॉडल बन सकता है। यह प्रणाली एआई और सेटेलाइट तकनीक की मदद से सार्वजनिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा, पारदर्शिता और सक्रिय प्रशासन सुनिश्चित करने की दिशा में देशभर में एक नया मानदंड स्थापित करती है।