
देहरादून, 14 जुलाई 2025:
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के साथ ही राज्य के मैदानी और पर्वतीय इलाकों में बारिश आफत बनकर बरस रही है। जहां एक ओर पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण लगातार लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं, वहीं मैदानी क्षेत्रों में जलभराव (वॉटर लॉगिंग) की समस्या ने जनजीवन को प्रभावित किया है।
बारिश के चलते अब तक हो चुकी 24 की मौत
अब तक प्रदेश में भारी बारिश के चलते 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि आठ लोग लापता हैं। उनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बारिश से मवेशियों और फसलों को भी नुकसान पहुंचा है, जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है।
1300 से अधिक सड़कें हुईं बाधित
मानसून सीजन के दौरान अब तक प्रदेश में 1300 से अधिक सड़कें बाधित हुईं, जिनमें से अधिकांश को खोल दिया गया है। हालांकि अब भी 75 से अधिक सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने का काम जारी है। पहाड़ी इलाकों में कई मार्गों पर लैंडस्लाइड के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने जानकारी दी कि इस वर्ष पिछले सालों की तुलना में नुकसान अपेक्षाकृत कम हुआ है। उन्होंने बताया कि आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने जिलाधिकारियों के अधिकारों में वृद्धि की है। राज्य में 300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित की गई है।
19 जुलाई के बाद भारी बारिश की संभावना
वहीं, 13 जुलाई तक हुई बारिश से मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि 14 से 18 जुलाई तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा, जिससे मैदानी क्षेत्रों में उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर सकती है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार 19 जुलाई के बाद उत्तराखंड में एक बार फिर भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है, जो कई दिनों तक जारी रहने की आशंका है। इससे राज्य में एक बार फिर आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।