
देहरादून,18 जुलाई 2025:
उत्तराखंड राज्य में मदरसों व अल्पसंख्यक विद्यालयों ने केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति हड़पने के लिए ऐसा जाल बुना कि धांधली देख अफसर भी अचरज में पड़ गए। कई मदरसों ने खुद को सरस्वती शिशु मंदिर दर्शाकर बच्चों को मिलने वाली स्कालरशिप हजम कर ली। फिलहाल सीएम धामी ने मामला सामने आने के बाद सख्त रुख अपनाया है। सीएम के निर्देश पर विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण डॉ. पराग मधुकर धकाते ने इसकी जांच जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ऊधमसिंह नगर नंदिनी सिंह को सौंपी है। इस मामले की रिपोर्ट दो सप्ताह में देने को कहा गया है।

छात्रवृत्ति पोर्टल पर अल्पसंख्यक संस्थान की लिस्ट में दिखा सरस्वती शिशु मंदिर का नाम
बताया गया कि उधम सिंह नगर जिले में 2021-22 और 2022-23 के राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर दर्ज अल्पसंख्यक छात्रवृति आवेदकों की प्रमाणिकता जांचने के लिए जिले के 796 बच्चों के दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई थी। इनमें से 6 मदरसों व शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 456 बच्चों के बारे में जानकारी संदिग्ध मिली। इन स्कूलों में सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल किच्छा का नाम भी शामिल है। अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की लिस्ट में सरस्वती शिशु मंदिर का नाम दिखने से मामले में धांधली होने का शक हुआ। यही नही सरस्वती शिशु मंदिर का संचालक मोहम्मद शारिक-अतीक बताया गया
पोर्टल के अनुसार यहां 154 मुस्लिम बच्चे पढ़ रहे है।
ये मामला सामने आने के बाद और पड़ताल की गई।।
इन मदरसों के छात्र व संचालक भी शक के दायरे में
इसके बाद निर्णय लिया गया कि काशीपुर के नेशनल अकादमी जेएमवाईआईएचएस में पढ़ने वाले 125 मुस्लिम छात्रों और इसके संचालक गुलशफा अंसारी, मदरसा अल जामिया उल मदरिया के 27 छात्र और संचालक मोहम्मद फैजान का सत्यापन भी किए जाने के निर्देश जारी किए गए है। इसके अलावा मदरसा अल्बिया रफीक उल उलूम घनसारा बाजपुर के संचालक जावेद अहमद और यहां के 39 बच्चों व मदरसा जामिया रजा उल उलूम बाजपुर के 85 बच्चों और संचालक इरशाद अली के सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएम के निर्देश पर राज्य भर के अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की छात्रवृत्ति खंगाली जाएगी
प्रकरण की जानकारी पाकर मुख्यमंत्री धामी ने गहनता से जांच करने के निर्देश दिए है। विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण ने उधम सिंह नगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नंदिनी सिंह को जांच सौंप कर दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। जांच में उत्तराखंड राज्य के ऐसे सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के बारे में आवेदकों के सत्यापन, भुगतान के विषय में बैंक खातों की जानकारी, संचालकों और विद्यार्थियों दोनों का सत्यापन किया जाएगा। विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से एक वर्ग विशेष द्वारा अल्पसंख्यक छात्रवृति के मामले संज्ञान में आने साथ ही अन्य मदरसों के द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृति में दर्ज आवेदनों को लेकर संदेह पैदा हुआ है। मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान लेने के बाद पूरे राज्य में जांच की जा रही है साथ ही केंद्र सरकार के मंत्रालय से भी संवाद किया जा रहा है।






