देहरादून, 19 नवंबर 2025:
उत्तराखंड को वैश्विक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए दोनों मंडलों में एक-एक स्प्रिचुअल इकोनॉमिक जोन स्थापित करने की तैयारी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना का विस्तृत रोडमैप जल्द तैयार करने के साथ इसी वित्तीय वर्ष में कार्य धरातल पर उतरना शुरू हो जाए।
सीएम ने कहा कि यह पहल न केवल उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण में सहायक होगी बल्कि तीर्थस्थलों और आसपास के क्षेत्रों के समग्र विकास को भी गति देगी। इसके साथ ही योग, ध्यान, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, स्थानीय हस्तशिल्प, पर्वतीय उत्पाद और सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा देकर स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार व स्वरोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना उत्तराखंड की पहचान को विश्व पटल पर आध्यात्मिक राजधानी के रूप में और भी मजबूत बनाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री ने शीतकालीन यात्रा को मजबूती देने की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के शीतकालीन स्थलों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करते हुए यात्रा, आवास, परिवहन और सुरक्षा व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाए, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक राज्य की प्राकृतिक व सांस्कृतिक विविधता का अनुभव कर सकें।
सीएम धामी ने कहा कि पारंपरिक और आधुनिक दोनों माध्यमों के जरिए शीतकालीन पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे राज्य का पर्यटन परिदृश्य और समृद्ध हो।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास के साथ-साथ आमजन के जीवन स्तर में सुधार लाना, तथा प्राकृतिक और आध्यात्मिक धरोहरों को सुरक्षित रखते हुए सतत विकास की दिशा में कदम बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ठोस कार्यनीति और समयबद्ध मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी जुड़े रहे। बैठक में बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।






