लखनऊ, 31 अक्टूबर 2025:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ के निर्माण का प्रेजेंटेशन देखा। सीएम ने अधिकारियों को संग्रहालय के शीघ्र निर्माण कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय भारतीय नौसेना की अदम्य शौर्यगाथाओं और हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की सामुद्रिक क्षमता का जीवंत प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा, “समुद्र भारत की सभ्यता के मंथन का केन्द्र रहा है, और भारतीय नौसेना उस गौरवशाली परम्परा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। लखनऊ का यह संग्रहालय उसी परम्परा को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा।”
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि संग्रहालय का स्वरूप एक विशाल जहाज के रूप में तैयार किया जाएगा। इसमें रेलिंग, पोर्थोल जैसी खिड़कियां, नौसैनिक वास्तुकला और समुद्री प्रतीकों के माध्यम से इसे विशेष पहचान दी जाएगी। परिसर में इंटरप्रिटेशन सेंटर, सेंट्रल डेक, ओपन एयर मेमोरियल, थीमैटिक वॉक-वे, प्रदर्शनी गैलरी, फाउंटेन और लाइट-एंड-साउंड एरिना जैसी आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। डिजाइन को ऊर्जा-संवेदनशील रखा गया है, जिसमें प्राकृतिक रोशनी, वेंटिलेशन और हरित निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
परियोजना दो प्रमुख हिस्सों ‘आईएनएस गोमती शौर्य स्मारक’ व ‘नौसेना शौर्य वाटिका’ में विकसित होगी। आईएनएस गोमती (एफ-21) गोदावरी श्रेणी का स्वदेशी मिसाइल फ्रिगेट है, जिसने 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में सेवा दी। इसने ‘ऑपरेशन कैक्टस’ और ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे अभियानों में हिस्सा लिया था। अब इसे संरक्षित कर संग्रहालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा ताकि नागरिक और युवा इसकी बहादुरी की गाथा को प्रत्यक्ष देख और महसूस कर सकें।






