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युद्धपोतों, पनडुब्बियों सभी तैनात थे, एक इशारे में कराची पोर्ट तबाह हो जाता : भारतीय नौसेना का बड़ा खुलासा

नई दिल्ली, 12 मई 2025

पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत व्दारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर भारतीय नौसेना ने पहली बार इस ऑपरेशन में अपनी भूमिका को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। रविवार को देश के सामने नौसेना ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अरब सागर में नौसेना पूरी मुस्तैदी से तैनात थी और पाकिस्तान के साथ किसी भी स्थिति में निपटने में हम पूरी तरह सक्षम थे। भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नौसेना को घात लगाकर बंदरगाह के पास ही रहने के लिए मजबूर कर दिया था।

नौसेना संचालन महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि भारतीय नौसेना ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले करने के लिए आतंकवादी हमले के 96 घंटे के भीतर पूरी तरह तैयार थी। एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि कि सेनाएं “कराची बंदरगाह सहित समुद्र और जमीन पर स्थित स्थानों को निशाना बनाने के लिए तैयार हैं,” लेकिन सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रही हैं।

तीनों सेनाओं के कमांडरों के साथ एक संयुक्त ब्रीफिंग में बोलते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए क्रूर हमले के बाद नौसेना ने पूरी तरह से युद्ध की तैयारी के लिए युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों को तुरंत तैनात कर दिया था।

इस तैनाती ने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और उभरते खतरों का निर्णायक ढंग से जवाब देने की उसकी क्षमता को मजबूत किया। परिचालन प्रभावशीलता को प्रमाणित करने और हमले की सटीकता को बढ़ाने के लिए अरब सागर में कई हथियार अभ्यास किए गए। वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की नौसेना बलों को तटरेखा के पास रक्षात्मक पदों तक सीमित रखा गया और उन पर कड़ी निगरानी रखी गई। उन्होंने कहा, “पूरे अभियान के दौरान भारतीय प्रतिक्रिया नपी-तुली और संतुलित थी तथा सेना की सभी शाखाएं प्रभावी जवाबी हमले को सुनिश्चित करने के लिए समन्वय के साथ काम कर रही थीं।” वाइस एडमिरल प्रमोद ने इस बात पर जोर दिया कि थलसेना और वायुसेना के साथ-साथ नौसेना की समुद्र में जबरदस्त श्रेष्ठता ने पाकिस्तान के तत्काल समझौते के अनुरोध में योगदान दिया। शत्रुता समाप्त होने के बावजूद, नौसेना सतर्क रही और पाकिस्तान या उसके छद्मों द्वारा भविष्य में पेश किए जाने वाले किसी भी खतरे का निर्णायक ढंग से जवाब देने के लिए तैयार रही।

 

 

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