लखनऊ, 11 नवंबर 2025 :
भारत हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाता है। यह दिन देश के पहले शिक्षा मंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर मनाया जाता है। 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने घोषणा की थी कि उनके जन्मदिन पर शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करने के लिए यह दिवस मनाया जाएगा।
क्यों मनाया जाता है यह दिवस
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का उद्देश्य शिक्षा के महत्व को सबके सामने लाना है। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय इस दिन सेमिनार, निबंध प्रतियोगिता और कार्यशालाएं आयोजित करते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आलोचनात्मक सोच, नवाचार और समाज में प्रगति लाने का जरिया भी है।
मौलाना अबुल कलाम आजाद और उनका योगदान
मौलाना आजाद 11 नवंबर 1888 को मक्का में जन्मे थे। बचपन में ही मां और पिता दोनों का निधन हो गया, लेकिन घर पर पढ़ाई के जरिए उन्होंने गहरी शिक्षा हासिल की। उन्होंने महात्मा गांधी और नेहरू के साथ काम किया और 1923 में कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बने। आजाद हमेशा बंटवारे के खिलाफ थे और भारत की एकता के लिए संघर्ष करते रहे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
शिक्षा में आजाद की विरासत
आजाद ने UGC, IIT और IISc जैसे संस्थानों की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा दिया और भारतीय भाषाओं, कला और संस्कृति को शिक्षा का हिस्सा बनाया। उनका मानना था कि शिक्षा से ही समाज और देश मजबूत बनते हैं।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
भारत में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है, जबकि दुनिया 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाती है। यह दिन शिक्षा की ताकत और सभी के लिए समान अवसर देने की प्रेरणा देता है।






