Uttar Pradesh

सर्द रातों में असहायों की सुध ले रही योगी सरकार, रैन बसेरों में पहुंचाए जा रहे निराश्रित

हरेन्द्र दुबे

गोरखपुर, 17 दिसंबर 2024:

शीतलहर और सर्द मौसम के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीब और असहाय लोगों को ठंड से राहत पहुंचाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में खुले आसमान तले सोने वालों को रैन बसेरों में पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। गोरखपुर जिला प्रशासन ने इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए रात्रिकालीन निरीक्षण शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति सर्द रातों में बिना आश्रय के न रहे। राहत आयुक्त द्वारा सभी जिलाधिकारियों को जारी परिपत्र के अनुसार सड़क किनारे, पार्कों या अन्य स्थानों पर सो रहे निराश्रितों और असहायों को रैन बसेरों में लाने का अभियान चलाया जा रहा है। गोरखपुर में सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और तहसीलदारों को हर रात स्थलीय निरीक्षण का आदेश दिया गया है।

गोरखपुर के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) एवं आपदा प्रभारी विनीत कुमार सिंह ने बताया कि रात्रि भ्रमण के दौरान सड़क किनारे सोने वाले गरीबों और असहायों को रैन बसेरों में पहुंचाने के साथ उन्हें कंबल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही अलाव जलाने की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि ठंड से राहत मिल सके।

14 रैन बसेरों में राहत की व्यवस्था

गोरखपुर नगर क्षेत्र में कुल 14 रैन बसेरे संचालित हैं। इन रैन बसेरों में बिस्तर, कंबल और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं 10 दिसंबर को गोरखपुर के चार रैन बसेरों का निरीक्षण कर चुके हैं और उन्होंने तीन नए रैन बसेरे बनाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा नगर पंचायत क्षेत्रों में भी रैन बसेरों का संचालन हो रहा है।

रैन बसेरों में सम्मानजनक आश्रय

सोमवार रात से शुरू हुए इस अभियान के तहत प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान सड़क किनारे सो रहे कई लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाया। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि रैन बसेरों में पर्याप्त बिस्तर, कंबल और अन्य सुविधाएं मौजूद हों।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि सर्द मौसम में गरीब, निराश्रित और कमजोर वर्ग के लोग सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से रात गुजार सकें। प्रशासन की इस पहल से सैकड़ों असहायों को राहत मिल रही है और शीतलहर के प्रकोप से उनकी रक्षा हो रही है।

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