नई दिल्ली,19 अप्रैल 2025
बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद वहां हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। खासकर हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि खुद बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस भारत को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सलाह देने से नहीं चूकते। लेकिन इस बार उन्होंने भारत को हड़काने का एक और मौका दे दिया है।
दरअसल, यूनुस ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए भारत सरकार से मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि वह भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अपील करते हैं कि वे अल्पसंख्यकों की जान-माल की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाएं। इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि बांग्लादेश की टिप्पणियों को सिरे से खारिज किया जाता है। उन्होंने इसे भारत की आंतरिक स्थिति से तुलना करने का कपटपूर्ण प्रयास बताया।
भारत ने साफ तौर पर कहा कि बांग्लादेश को पहले अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर काम करना चाहिए। रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं को न केवल हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है बल्कि उन्हें सरकारी नौकरियों से भी वंचित किया जा रहा है। मंदिरों पर हमले, घरों में लूटपाट और अपहरण जैसी घटनाएं आम हो गई हैं।
हाल ही में एक हिंदू नेता की हत्या ने बांग्लादेश की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास जैसे लोगों को महीनों से जेल में बंद रखा गया है और उनके वकीलों पर भी हमले हो चुके हैं।
भारत के लिए यह एक मौका बन गया है कि वह बांग्लादेश को उसके घरेलू हालात दिखाए और वैश्विक स्तर पर उसकी आलोचना कर सके।