
गुवाहाटी, 11 अप्रैल 2025
असम के डिब्रूगढ़ में पुलिस ने शुक्रवार को 11 दुर्लभ टोके गेको छिपकलियाँ जब्त कीं और तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। टोके गेको के निर्यात पर प्रतिबंध है क्योंकि उन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अत्यधिक संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। दोषी पाये जाने पर अधिकतम सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान है।
भारत में ये प्रजातियाँ केवल असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में पाई जाती हैं, लेकिन दक्षिण-पूर्व एशिया के ग्रे मार्केट में इनकी काफी मांग है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान देबाशीष दोहुतिया (34), मानश दोहुतिया (28) और दीपांकर घरफलिया (40) के रूप में की गई।
पूछताछ के दौरान उन्होंने पुलिस को बताया कि वे टोके गेको को अरुणाचल प्रदेश से लाए थे और उनमें से प्रत्येक को 60 लाख रुपये में बेचने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि उन्होंने डिब्रूगढ़ में टोके गेको छिपकलियों की तस्करी के संबंध में एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई की और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की एक टीम गठित की।
असम पुलिस ने एक बयान में कहा, “इसके अनुसार, एसटीएफ टीम ने डिब्रूगढ़ जिला पुलिस की मदद से और वन्यजीव न्याय आयोग, दक्षिण एशिया कार्यालय से करीबी परिचालन और खुफिया सहायता के साथ मोहनबाड़ी क्षेत्र में एक जाल बिछाया। टीम ने मोहनबाड़ी तिनियाली में सन फीस्ट ढाबा पर तीन संदिग्ध तस्करों को देखा। उनमें से दो पंजीकरण संख्या AS-23W-5506 वाली एक सफेद कार में आए और एक पंजीकरण संख्या AS-06AF-0276 वाली मोटरसाइकिल में आया।”
बयान में कहा गया है, “तीनों व्यक्ति एकत्र हुए और सन फीस्ट ढाबे में घुस गए। कुछ समय बाद, उनमें से एक, जो उक्त कार चला रहा था, बाहर आया और कार से एक लाल रंग का बैग निकाला और ढाबे में घुस गया। उसी समय, एसटीएफ की टीम ढाबे पर पहुंची और तीन व्यक्तियों को पकड़ लिया, जिनके पास लाल रंग का बैग मिला।”






