राजौरी जिले के बड्डाल गांव में रहस्यमयी बीमारी ने अब तक 17 लोगों की जान ले ली है, जिनमें छह बच्चे शामिल हैं। प्रशासन ने बुधवार को इस गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर सभी प्रकार की सभाओं पर रोक लगा दी है। गांव में रहस्यमयी बीमारी के कारण दहशत फैली हुई है, और अब तक पांच और नए मामले सामने आए हैं।
बीमारियों का बढ़ता कहर
17 दिसंबर से अब तक तीन परिवारों के 17 सदस्य इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं। मंगलवार को तीन सगी बहनों और एक अन्य युवती को सांस लेने में दिक्कत और बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। नाजिया कौसर (16) की हालत गंभीर है और उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
इलाज और स्थानांतरण की व्यवस्था
• एक मरीज एजाज खान को एयर एम्बुलेंस से पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया।
• तीन नाबालिग बहनों को सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया।
• अन्य गंभीर मरीजों को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) जम्मू और राजौरी में भर्ती किया गया।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
• प्रभावित परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है।
• गांव में राशन जब्त कर, संदिग्ध लोगों और उनके संपर्क में आए व्यक्तियों को क्वारंटीन किया जा रहा है।
• 24 घंटे एंबुलेंस सेवा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है।
मौतों का कारण और जांच रिपोर्ट
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट्स के अनुसार मौतों का कारण मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम पर गंभीर असर पड़ना है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की रिपोर्ट्स में भी यही निष्कर्ष सामने आया है।
गृह मंत्रालय का हस्तक्षेप
गृह मंत्रालय की टीम ने जम्मू में उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अब तक 3,500 लोगों की जांच की है, लेकिन किसी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है।
स्थानीय लोग दहशत में
गांव में फैली रहस्यमयी बीमारी से स्थानीय लोग डरे हुए हैं और प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। बीमारी के कारणों की विस्तृत जांच और उपचार के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
स्थिति पर प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद के लिए तत्पर है।