
लखनऊ, 4 जून 2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए यूपी पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही, इन उम्मीदवारों को आयु सीमा में तीन साल की छूट भी मिलेगी। अग्निपथ योजना के पहले बैच के अग्निवीरों को यह लाभ 2026 से मिलना शुरू हो जाएगा, जब उनकी चार साल की सेवा अवधि पूरी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार का मानना है कि सेना में प्रशिक्षित और अनुशासित अग्निवीर पुलिस बल की दक्षता और कार्यकुशलता बढ़ा सकते हैं। आरक्षण सभी श्रेणियों — जैसे एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस — में क्षैतिज रूप से लागू होगा, जिससे उम्मीदवारों को उनकी श्रेणी के अनुसार ही लाभ मिलेगा।
यूपी पुलिस की विभिन्न भर्तियों जैसे आरक्षी पुलिस, पीएसी, महिला बटालियन, फायरमैन और विशेष सुरक्षा बल में यह आरक्षण लागू होगा। अगले कुछ महीनों में 20 से 25 हजार पदों पर भर्ती प्रस्तावित है, जिसमें करीब पांच हजार पद पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित रहेंगे।
केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, राजस्थान, हरियाणा, असम और ओडिशा जैसे राज्य भी पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने भी बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जैसे बलों में उन्हें प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
सेना में सेवा के दौरान अग्निवीरों को वेतन के साथ-साथ जोखिम भत्ता, सेवा निधि और कर-मुक्त राशि मिलती है। सेवा समाप्ति पर उन्हें 11.71 लाख रुपये का पैकेज मिलता है। मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में यह राशि बढ़ सकती है। यह पहल न केवल पूर्व सैनिकों को रोजगार देगी, बल्कि पुलिस बल में अनुशासन और कार्यकुशलता का स्तर भी ऊंचा करेगी।