नई दिल्ली, 9 जून 2025
26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राहत देते हुए उसे अपने परिवार से फोन पर बात करने की इजाजत दे दी है। सोमवार को सुनवाई करते हुए जज जस्टिस चंदरजीत सिंह ने कहा कि आतंकी राणा सिर्फ एक बार ही अपने परिवार से फोन कॉल पर बात कर पाएगा। साथ ही पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि यह कॉल जेल के नियमों के अनुसार और तिहाड़ जेल अधिकारियों के एक वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में की जाएगी।
पिछले महीने राणा द्वारा अदालत में याचिका दायर करने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस एक बार की फोन कॉल की अनुमति दे दी। अदालत ने जेल अधिकारियों से इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है कि क्या जेल मैनुअल के अनुसार राणा को भविष्य में नियमित रूप से फोन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके अलावा अदालत ने राणा के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है, जिसे 10 दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी, जो फिलहाल हिरासत में हैं, ने 27 मई को नई दिल्ली की एक अदालत में अपने परिवार से बात करने की अनुमति मांगी थी।
राणा 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है, जो एक अमेरिकी नागरिक है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा 4 अप्रैल को उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका खारिज करने के बाद उसे भारत लाया गया था। राणा पर हेडली और आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के सदस्यों तथा अन्य पाकिस्तान स्थित सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर 2008 में भारत की वित्तीय राजधानी पर तीन दिनों तक आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है।
26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग से भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया। करीब 60 घंटे तक चले हमले में 166 लोग मारे गए थे।