
नई दिल्ली, 2 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बीते मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिए रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआईएस) को मंजूरी दे दी है। इस योजना के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस योजना का लक्ष्य ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से अगले दो वर्षों में 3.50 करोड़ नौकरियां पैदा करना है।
मंगलवार को दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसमें 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कई अहम योजनाओं को मंजूरी दी गई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
यह घोषणा की गई कि मंत्रिमंडल ने अनुसंधान विकास और नवाचार योजना (आरडीआई), राष्ट्रीय खेल नीति-2025 और तमिलनाडु में परमकुडी-रामनाथपुरम राष्ट्रीय राजमार्ग को 4 लेन तक चौड़ा करने के साथ-साथ रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआईएस) को मंजूरी दे दी है।
ELI स्कीम से मिलेगा रोजगार और नौकरियां :
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ईएलआई योजना सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए शुरू की गई है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लक्ष्य अगले दो वर्षों में साढ़े तीन करोड़ रोजगार सृजित करना है।
ELI योजना के तहत सरकार पहली बार नौकरी ज्वाइन करने वालों को एक महीने का वेतन देगी। सरकार नई नौकरियां पैदा करने वाले नियोक्ताओं को प्रोत्साहन देगी। ये प्रोत्साहन दो साल तक जारी रहेंगे। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को दो साल और यानी चार साल दिए जाएंगे। पहली बार नौकरी पाने वालों की संख्या 1.92 करोड़ है। यह योजना केवल 1 लाख रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होगी।
नौकरी देने वाले नियोक्ताओं को 2 साल तक हर रोज़गार के लिए 3,000 रुपये तक का प्रोत्साहन मिलेगा। उन्हें कम से कम 6 महीने तक अपने संगठनों में रोज़गार पैदा करना जारी रखना होगा। सरकार ने 4.1 करोड़ युवाओं को रोज़गार, कौशल और अन्य अवसर प्रदान करने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में ELI योजना की घोषणा की।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये है।