लखनऊ, 23 अप्रैल 2025 :
अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसारन घास के मैदान में हुए भयावह आतंकी हमले में कम से कम 26-28 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)—लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा—ने ली है। भारत समेत दुनिया भर के नेताओं ने इस जघन्य आतंकी कृत्य की तीव्र निंदा की है। पेश हैं प्रमुख भारतीय, अंतरराष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ, स्रोतों के साथ:
भारतीय नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“मैं जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूँ… इस जघन्य कृत्य के पीछे के लोग बख्शे नहीं जाएंगे।”
उन्होंने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपात बैठक की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस हमले को “घृणित और अमानवीय” करार दिया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर घटनास्थल की समीक्षा की और चेतावनी दी कि दोषियों को कठोरतम सजा दी जाएगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी ने घटना की निंदा करते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की माँग की।
अन्य राष्ट्रीय नेताओं जैसे उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, ममता बनर्जी, मोहन यादव और रेखा गुप्ता ने भी इस हमले को “कायराना और निंदनीय” बताया। BJP नेता रविंदर रैना ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए तीखा बयान दिया, जबकि संजय राउत ने गृहमंत्री के इस्तीफे की माँग की।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
• अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले को “गंभीर और परेशान करने वाला” बताया और भारत को पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
• रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, इजरायली पीएम नेतन्याहू, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, श्रीलंका, नेपाल, ईरान, यूक्रेन, और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस समेत कई वैश्विक नेताओं ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और इस आतंकी घटना की घोर निंदा की।
उत्तर प्रदेश के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उन्होंने इस हमले को “कायरतापूर्ण, अक्षम्य और घोर निंदनीय” बताया। X पर लिखते हुए उन्होंने कहा:
“जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला कायरतापूर्ण, अक्षम्य और घोर निंदनीय है। जिन लोगों ने इस दुःखद घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
इसके बाद राज्य भर में हाई अलर्ट घोषित किया गया। बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
उन्होंने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में कहा:
“यह एक बेहद दुखद और कायरतापूर्ण आतंकी हमला है। हम सब शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़े हैं। इस हमले का ऐसा जवाब दिया जाएगा कि उसके आकाओं की पीढ़ियाँ याद रखेंगी।”
उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद पर और कठोर रुख अपनाने की अपील की।
बसपा प्रमुख मायावती
एक प्रेस बयान में मायावती ने कहा:
“पहलगाम में हुआ आतंकी हमला बेहद दुखद और निंदनीय है। निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ अपराध है। सरकार को चाहिए कि वह दोषियों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई करे।”
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
X पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने लिखा:
“हादसे के बाद विज्ञापन छापकर भाजपा ने अपनी संवेदनहीनता दिखा दी है। उन्होंने कहा कि यह हमला केंद्र सरकार की सुरक्षा विफलता का परिणाम है और भाजपा आपदा में भी सियासी लाभ ढूंढती है। सुरक्षा तैयारियों में चूक के लिए सरकार ज़िम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि अब कोई माफ़ी या बयान जनता को बहला नहीं सकता। दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त की और सरकार से सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की।”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी
उन्होंने कहा: “यह हमला अत्यंत कायरतापूर्ण और निंदनीय है। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी।”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय
उन्होंने केंद्र सरकार की सुरक्षा नीति पर सवाल उठाते हुए कहा:
“यह हमला भाजपा सरकार के खोखले सुरक्षा दावों की पोल खोलता है। मासूम जिंदगियों की कीमत पर राजनीति बंद होनी चाहिए।”
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी
उन्होंने केंद्र से नैतिक जिम्मेदारी लेने की माँग करते हुए कहा:
“कश्मीर घाटी में पर्यटकों पर हुआ यह हमला अस्वीकार्य है। सरकार को यह स्वीकार करना चाहिए कि वह ऐसे हमलों को रोकने में विफल रही है और अब ठोस कार्रवाई का समय है।”