
लखनऊ, 22 मार्च 2025:
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में मिशन रोजगार ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रदेश में इस दौरान साढ़े 7 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की गईं, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुले।
यूपीपीएससी और यूपीएसएसएससी ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने मिलकर पिछले 8 वर्षों में लगभग 95,000 अभ्यर्थियों का चयन किया। यूपीपीएससी ने 1 अप्रैल 2017 से 20 मार्च 2025 तक 48,593 अभ्यर्थियों का चयन किया, जिसमें सर्वाधिक चयन वर्ष 2019-20 में 13,893 रहे। वहीं, 2024-25 में अब तक 1,918 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। यूपीएसएसएससी ने 46,032 अभ्यर्थियों का चयन किया, जिसमें 2022-23 में 11,800 चयन के साथ सर्वाधिक भर्ती दर्ज की गई। 2024-25 में अब तक 6,106 युवाओं को अवसर मिला है।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2020 से नवंबर 2024 के बीच 35 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित कर नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाने के लिए ई-अधियाचन पोर्टल की शुरुआत की गई, जिससे समूह क, ख और ग के पदों पर चयन प्रक्रिया में तेजी आई।
कोविड-19 के बावजूद जारी रहा रोजगार अभियान
कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में भी योगी सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को बाधित नहीं होने दिया और युवाओं के भविष्य को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए। मिशन रोजगार के तहत हासिल की गई यह उपलब्धि राज्य को युवा-केंद्रित विकास के पथ पर आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। योगी सरकार की इस पहल ने न केवल रोजगार सृजन को गति दी, बल्कि प्रदेश को एक सकारात्मक और सशक्त भविष्य की ओर भी अग्रसर किया है।






