अमित मिश्र
प्रयागराज, 10 मार्च 2025:
यूपी के प्रयागराज में 45 दिन तक चले महाकुंभ में चुस्त दुरुस्त इंतजामों के बावजूद 869 लोग अभी तक लापता हैं। ये ऐसे लोग हैं जो यहां अपनों के साथ आये तो लेकिन साथ नहीं जा सके। इनकी खोजबीन में डिजिटल व्यवस्था और पुलिस महकमा भी नाकाम रहा। फिलहाल परिवार के लोग पोस्टर लगाकर और अपने निजी प्रयासों के सहारे तलाश के बाद हताश होकर इनका इंतजार कर रहे हैं।
मेला परिसर में बने थे हाईटेक खोया पाया केंद्र
13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। हालांकि ये सिलसिला अभी भी चल रहा है। मेला परिसर में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए। इनमें अत्याधुनिक एआई आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी सुविधाएं थीं।
सरकारी आंकड़ों में भी दर्ज है 869 लापता लोगों का ब्यौरा
डुबकी लगाने वाले लोगों की भारी भरकम संख्या में एक छोटा आंकड़ा उनका भी है जो महाकुंभ आकर अपनों से बिछड़ गए। सरकारी आंकड़े खुद इसकी गवाही दे रहे हैं। यहां मेला परिसर में बनाये गए खोया पाया केंद्रों में 35952 गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए इनमें खोजबीन कर 35083 लोगो को उनके परिजनों से मिलवा दिया गया है और बाकी की तलाश जारी है। अलबत्ता कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं, जो परिवार तक पहुंच गए, मगर खोया-पाया केंद्र को सूचना नहीं भेजी गई।
केंद्रों पर चस्पा हैं लापता लोगों के पोस्टर
महाकुंभ मेले का डिजिटल खोया पाया केंद्र अभी भी एक्टिव है जहां दर्जनों की संख्या में मिसिंग लोगों के पोस्टर लगे हुए हैं। यहां कुछ लोग अपनो के इंतज़ार करते भी मिल जाएंगे। मेला समाप्त हुए 12 दिन बीत चुके हैं। लापता लोगों के परिवार किसी अनहोनी की आशंका से भी घबरा रहे हैं। परिवार के लोग वीडियो बनाकर अपील कर रहे हैं। कुछ लोग ईनाम देने की बात भी कर रहे हैं।
चार दिन तक पत्नी के इंतजार में मेला क्षेत्र में पड़े रहे बिहार के पंकज फिर कराई एफआईआर
बिहार के वैशाली जिले में राजा पक्का क्षेत्र के रहने वाले पंकज किशोर की दास्तां से लापता लोगों और उनके अपनों का दर्द समझा जा सकता है। पंकज कहते है कि वो पत्नी प्रीति किशोर के साथ 20 फरवरी को संगम आये थे। शाम को स्नान के बाद चलने के क्रम में पत्नी से साथ छूट गया। खोया पाया केंद्र में सूचना दी और दो तीन दिन तक संगम क्षेत्र में खोजबीन करते रहे आखिरकार 24 फरवरी को परेड ग्राउंड कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई। इसके बाद जगह जगह घूम कर पत्नी को खोजा लेकिन नाकामी मिली। अब इंतजार के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है। सरकारी खोया-पाया केंद्र के अलावा निजी तौर पर कई संस्थाएं भी बिछड़े लोगों को खोजने का काम कर रहीं थीं और सफलता पूर्वक हजारों लोगों को वापस परिवार से मिलवाया भी। फिलहाल 869 लोगों की वापसी का इंतजार कितना लंबा होगा ये समय ही बताएगा।