हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर, 4 दिसम्बर 2024:

पूर्वी उत्तर प्रदेश की शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का योगदान अमूल्य है। परिषद के 92वें स्थापना समारोह का शुभारंभ आज बुधवार को हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने सलामी देकर कार्यक्रम की शुरुआत की। हर वर्ष होने वाले इस कार्यक्रम में देश की सनातन धर्म से जुड़ी झांकियां, देश हित के लिए अपनी जान की आहुति देने वाले जवानों की झांकियां, भारत मां की झांकियां, सभ्यता और संस्कृति को जागरूकता के आधार पर प्रस्तुत करती झांकियां देखी जाती हैं। इस बार भी कृष्ण-बलराम और राम-सीता की मनमोहक सजावट में झांकियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में उपस्थित मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर ने झांकियों को सलामी देकर अभिवादन किया।

1932 में गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद आज गोरखपुर को ज्ञान नगरी के रूप में पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभा रही है। यह परिषद प्राथमिक शिक्षा से लेकर निजी विश्वविद्यालयों तक के विस्तार का साक्षी है। गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में भी परिषद की ऐतिहासिक भूमिका रही है।

गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों का योगदान
महंत दिग्विजयनाथ द्वारा शुरू किया गया यह शैक्षिक पुनर्जागरण उनके शिष्य महंत अवेद्यनाथ और वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सतत प्रयासों से वटवृक्ष बन चुका है। परिषद द्वारा संचालित संस्थान न केवल गोरखपुर बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई क्षेत्र तक शिक्षा का प्रकाश फैला रहे हैं।

शैक्षिक उपलब्धियां और विस्तार
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद आज प्राथमिक शिक्षा से लेकर तकनीकी, मेडिकल, और उच्च शिक्षा तक कई संस्थानों का संचालन करती है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और आयुष विश्वविद्यालय जैसे बड़े प्रकल्प इसके विस्तार का हिस्सा हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में परिषद के संस्थापक ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिन्होंने अपना डिग्री कॉलेज विश्वविद्यालय को समर्पित कर दिया।

सांस्कृतिक और शैक्षिक झांकियां
92वें स्थापना समारोह में प्रस्तुत झांकियों ने भारतीय संस्कृति और शैक्षिक मूल्यों को प्रदर्शित किया। देशभक्ति और भारतीय संस्कृति से प्रेरित इन झांकियों ने भारत की सभ्यता और सनातन मूल्यों की गौरवशाली परंपरा को जीवंत किया। कृष्ण-बलराम और राम-सीता जैसे पौराणिक पात्रों की झांकियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के प्रबंधकीय दायित्व को संभालते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषद के कार्यक्षेत्र को और व्यापक बनाया है। यह संस्थान गोरखपुर को ज्ञान, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का निरंतर प्रयास कर रहा है।
