अंशुल मौर्य
वाराणसी, 5 दिसम्बर 2024 :
उत्तर प्रदेश के वाराणसी की महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना में गोदौलिया स्टेशन के निर्माण को लेकर असमंजस बरकरार है। परियोजना के तहत गोदौलिया स्टेशन का स्ट्रक्चर स्विटजरलैंड में तैयार हो चुका है। यदि स्टेशन का स्थान बदला गया, तो करोड़ों की लागत से बने उपकरण बेकार हो सकते हैं और पूरी परियोजना को नए सिरे से शुरू करना पड़ सकता है।
स्थान परिवर्तन से बढ़ेगी लागत और समयसीमा
अगर गोदौलिया स्टेशन को गिरिजाघर या किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाता है, तो नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनवानी पड़ेगी। इसके लिए जमीन का नया सर्वेक्षण और अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें न केवल समय लगेगा बल्कि अतिरिक्त मुआवजा देने की भी आवश्यकता होगी।
स्थान परिवर्तन के कारण मौजूदा स्ट्रक्चर बेकार हो जाएगा, जिसे स्विटजरलैंड में ही दोबारा से तैयार करना होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह प्रक्रिया परियोजना की कुल लागत को कई गुना बढ़ा सकती है।
तकनीकी और कानूनी पहलुओं पर होगी समीक्षा
स्थान परिवर्तन की स्थिति में, तकनीकी पहलुओं का गहन अध्ययन और सभी मानकों का पालन सुनिश्चित करना होगा। तब तक परियोजना की समयसीमा बढ़ाने की नौबत आ सकती है।
परियोजना के भविष्य पर सवाल
गोदौलिया स्टेशन के स्थान परिवर्तन को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन यदि ऐसा होता है, तो रोपवे परियोजना के समय पर पूरा होने की संभावनाएं कम हो जाएंगी और लागत में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है।
यह परियोजना न केवल शहर के यातायात को सुगम बनाने की उम्मीदों से जुड़ी है, बल्कि इसे समय पर पूरा करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।